हिसार, 14 अक्तूबर (निस)
आंगनवाड़ी केन्द्रों को निजी एनजीओ के अधीन किये जाने के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रही आंगनवाड़ी वर्कर्स व हेल्पर्स यूनियन ने विभागीय मंत्री कमलेश ढांडा से अपील की है कि वे महिलाओं की समस्याओं को समझें और ऐसे आदेश वापस लें। यूनियन ने कहा कि जिस मंत्री ने संवेदनहीनता बरती है, उसे जनता की नाराजगी का खामियाजा भुगतना पड़ा है। यूनियन की जिला अध्यक्ष बिमला राठी ने कहा कि लगभग एक पखवाड़े से प्रदेश के आंगनवाड़ी केन्द्र बंद हैं और महिलाएं सड़कों पर धरने-प्रदर्शन को मजबूर हैं। राज्य सरकार एवं विभागीय मंत्री आंगनवाड़ी केन्द्रों को प्लेवे स्कूलों के नाम पर निजी एनजीओ के अधीन करना चाहते हैं, जिसे कतई सहन नहीं किया जाएगा।
धरने के 14वें दिन का संचालन करते हुए यूनियन नेता कमलेश बूरा व सुशीला जांगड़ा ने कहा कि आंगनवाड़ी को एनजीओ की गोद में देने का फैसला वापस लिया जाए, नई शिक्षा नीति 2020 रद्द की जाए, आंगनवाड़ी वर्कर्स व हेल्पर को सरकारी कर्मचारी की तरह सुविधा दी जाए और वर्ष 2018 का समझौता लागू किया जाए।