गुरुग्राम, 29 दिसंबर (हप्र)
मानेसर नगर निगम की कार्यशैली से कथित परेशान 30 गांवों की महापंचायत ने निगम गठन का फैसला रद्द करने की मांग की। पंचायत में शामिल भारी संख्या में लोगों ने ऐलान किया कि निगम के खिलाफ असहयोग आंदोलन चलाया जाएगा तथा महापंचायत का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात कर उनके समक्ष यह मांग रखेगा। बैठक की अध्यक्षता शिकोहपुर के नैन कंवर ने की।
उन्होंने कहा कि एक साल पहले जब से मानेसर नगर निगम में उनके गांव शामिल किए गए हैं तब से गांवों की व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। न तो कोई काम हो रहा है और न ही लोगों की शिकायतें सुनी जा रही हैं। उलटा कभी निर्माणों को अवैध बताकर तोड़ने की धमकी दी जा रही है तो कभी अनाप-शनाप पानी के बिल भेजे जा रहे हैं। मानेसर गांव के पूर्व सरपंच ओमप्रकाश यादव ने कहा कि नगर निगम जो प्रॉपर्टी आईडी बना रहा है उसमें आबादी के सारे मकानों को अवैध बताया जा रहा है। गांवों और इनमें मकान सैकड़ों साल पुराने हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि निगम के गठन के बाद से लूटमार का खेल शुरू हो गया हैं। विकास का कार्य कोई हो नहीं रहा सिर्फ ठेकेदारों के बिल पास किए जा रहे हैं।
बैठक में सर्वसम्मति से फैसला लिया गया कि मानेसर नगर निगम को भंग करवाने के लिए आंदोलन किया जाए। इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है।
यह कमेटी मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात करेगी। इन्होंने कहा कि यदि मुख्यमंत्री ने पंचायत की बात को सम्मान नहीं दिया तो आगे के आंदोलन का फैसला पुनः लोगों को एकत्रित करके किया जाएगा।