पंचकूला, 11 जनवरी (ट्रिन्यू)
विश्व हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में पहली बार हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा अंतर्राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। भारतीय उच्चायोग लंदन एवं अंतर्राष्ट्रीय हिंदी सोसाइटी लंदन के सहयोग से ऑनलाइन अकादमी के यूट्यूब चैनल हरियाणा साहित्य अकादमी पर 10 जनवरी रात 9 बजे प्रसारित इस कवि सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में लंदन से ब्रिटिश सांसद वीरेंद्र शर्मा रहे। अध्यक्ष के रूप में लंदन से ही प्रख्यात हिंदी मंच संचालक और रेडियो कलाकार रवि शर्मा ने भाग लिया। कवि सम्मेलन की शुरूआत ऑस्ट्रेलिया से जुड़ी रेखा राजवंशी द्वारा सरस्वती वंदना से की गई। इसके बाद अकादमी निदेशक डॉ़ चंद्र त्रिखा ने सभी अतिथियों और आमंत्रित कवियों का अभिवादन किया। उन्होंने ऐसे आयोजनों को हिंदी को वैश्विक मंच पर प्रतिस्थापित करने का उचित माध्यम बताया। कवि सम्मेलन के आरंभ में पंचकूला से जुड़े जतिंदर परवाज ने गजल के माध्यम से शहर की परिस्थितियों पर व्यंग्य करते किया, ‘ शहर से जंगल ही अच्छा है चल चिड़िया तू अपने घर।’ मॉरीशस से कवि सम्मेलन में जुड़ी कवयित्री डॉ.सुरीति रघुनंदन ने कविता में जीवन को परिभाषित करते हुए कहा ‘जीवन है कुरुक्षेत्र, युद्ध में डटे रहो और निराशा से हरदम कटे रहो।’ दिल्ली से विनीत पांडे, सिडनी से जुड़ी कवयित्री रेखा राजवंशी, नोएडा से गीतकार चरणजीत चरण ने भी अपनी प्रस्तुति दी।
शहीदों पर रचना ‘शत शत वंदन नमन है शहीदों तुम्हें, देश को गुलामी के गुबार से बचा लिया’ पर प्रस्तुत की। इटावा से कवि कमलेश शर्मा ने शहीदों को समर्पित रचना ‘जिनके दम पर दिख रहा प्रभात है, आओ शहीदों को नमन करें’ प्रस्तुत की।
…जगह-जगह हो हिंदी का सम्मान
रोहतक के गीतकार वीरेंद्र मधुर ने गीत के माध्यम से हिंदी के महत्व पर कहा ‘महक महक जाए अपना हिंदुस्तान, हिंदी की भाषा का होता जगह जगह सम्मान’। वरिष्ठ गजलकार माधव कौशिक ने कहा ‘हमें युद्ध आतंक भूख से मारी धरती बख्शी है, आने वाली पीढ़ी को तो दुनिया सही सलामत दे।’ लंदन से कार्यक्रम में जुड़े वरिष्ठ साहित्यकार तेजेंद्र शर्मा ने लंदन की थेम्स और भारत की गंगा की तुलना को कविता ‘ थेम्स दशकों शताब्दियों तक करती है गंगा पर राज, फिर सिकुड़ जाती है ढूंढती रह जाती है अपना ताज।’ प्रस्तुत की। अकादमी निदेशक डॉ़. चंद्र त्रिखा ने एक ग़ज़ल ‘कैसे उम्र गुजारी लिख, मकसद की बीमारी लिख। क्यों गोदान में हो पाया, धनिया की लाचारी लिख’ प्रस्तुत की। लंदन से जुड़ी वरिष्ठ लेखिका ज़किया ज़ुबैरी को काव्य पाठ के लिए आमंत्रित किया गया। अंत में अकादमी निदेशक डॉ़ चंद्र त्रिखा ने उच्चायोग लंदन की उच्चायुक्त गायत्री इस्सर, मुख्य अतिथि वीरेंद्र शर्मा, अध्यक्ष रवि शर्मा और सभी प्रतिभागी कवियों का आभार जताया।