कैथल, 22 अप्रैल (हप्र)
हम अपने बड़ों बुजुर्गों का आदर सम्मान करेंगे तभी हम अपनी भारतीय संस्कृति को सुरक्षित रख पाएंगे। वरिष्ठ नागरिकों का सम्मान करें और भारतीय संस्कृति का ख्याल करें। अपने वरिष्ठ नागरिकों का सम्मान करना और उनके विषय में चिंतन करना समाज का प्रमुख दायित्व है। बुजुर्गों के अनुभवों से हम बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। बड़ों का अनुभव ही हमारे जीवन की दिशा व दशा दोनों को बदल सकता है। यह बात हैफेड के पूर्व डायरेक्टर रामचंद्र जडौला ने यहां बातचीत में कहे। उन्होंने कहा कि समाज में हमारे बड़े बुजुुर्ग हमारा स्वाभिमान हैं, हमारी धरोहर हैं। रामचंद्र जडौला ने कहा कि युवा देश के भावी कर्णधार हैं तो समाज के वयोवृद्ध जीवन के अनुभवों की जमापूंजी हैं। बड़े-बुजुर्गों के मार्गदर्शन से हमारा परिवार समाज तरक्की पा सकता है। मात्र वृद्ध हो जाने पर मानव अधिकारों से उन्हें वंचित नहीं किया जा सकता।