प्रदीप साहू/निस
चरखी दादरी, 7 जुलाई
गीता-बबीता की चचेरी बहन विनेश फौगाट ने कॉमनवेल्थ में गोल्ड मेडल की हैट्रिक लगाकर नया इतिहास बना दिया है। अब विनेश का अगला टारगेट 2024 में होने वाला ओलंपिक है। परिजनों व ग्रामीणों ने विनेश की उपलब्धि पर खुशियां मनाई। विनेश दो कामनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं। जीत के सिलसिले को बरकरार रखते हुए विनेश ने एक बार फिर स्वर्ण पदक जीतकर हैट्रिक लगा दी है। कॉमनवेल्थ और एशियन गेम्स दोनों में गोल्ड मेडल जीतने वाली वह भारत की पहली महिला पहलवान है। विनेश फौगाट बचपन से गीता और बबीता फौगाट के पिता और ताऊ द्रोणाचार्य अवार्ड विजेता महाबीर फौगाट से कुश्ती के गुर सीखे हैं। विनेश के पिता की बचपन में ही मृत्यु हो गई थी। विनेश की मां प्रेमलता ने कहा कि मैंने बेटी को भारत शेरनी के रूप में पैदा किया है। बेटी ने देश के लिए गोल्ड जीता है, अब उसका अगला टारगेट ओलंपिक में सोना जीतना है। महाबीर फौगाट का कहना है कि विनेश ने गांव की मिट्टी से इस खेल को खेलना शुरू किया। बड़ी बहनों से प्रेरणा लेकर कुश्ती में अपना नाम कमाया है। महाबीर पहलवान ने विनेश को भारत के लिए खेलों में सोने की चिड़िया बताया। भाई हरविंद्र ने विनेश की इस उपलब्धि को गांव व क्षेत्र के साथ देश की उपलब्धि बताया।