भिवानी, 13 मार्च (हप्र)
मृत्युभोज, डीजे सहित सामाजिक कुरीतियों के उन्मूलन को लेकर विभिन्न गांवों से जुड़ी सामाजिक कुप्रथा निषेध अभियान कमेटी का सम्मेलन रविवार को गांव साहलेवाला में संपन्न हुआ। इस मौके पर मृत्युभोज न करने की शपथ दिलाई गई। शपथ ली गई की न मृत्युभोज खाएंगे न खिलाएंगे और समाज में अलख जगाएंगे।
कमेटी के चेयरमैन रामधारी लाम्बा ने कहा कि कमेटी युवाओं को जोड़कर डीजे पर पाबंदी के लिए अभियान चलायेगी। उन्होंने कहा कि डीजे से सामाजिक सौहार्द प्रभावित हो रहा है। वीरेंद्र संडवा ने कहा कि मृत्युभोज एक पीड़ा देने वाली सामाजिक कुरीति है। मृत्युभोज एक कुरीति नहीं बल्कि सामाजिक कलंक भी है। मानव विकास के रास्ते में यह कलंकित प्रथा कैसे पनप गई यह समझ से परे है। जानवर भी अपने किसी साथी के मरने पर मिलकर दु:ख प्रकट करते हैं। लेकिन खेद की बात है कि यहां किसी व्यक्ति के मरने पर उसके साथी, सगे-संबंधी भोज करते हैं। मिठाइयां खाते हैं। यह एक सामाजिक बुराई है। इसको खत्म करने के लिए हम सभी को जागरूक होकर काम करना पड़ेगा। सीताराम सिंगल खावा, मंगल सिंह खरेटा, पूर्व चेयरमैन जयप्रकाश हसानिया, हेडमास्टर अशोक कुमार, मास्टर धर्मबीर, मास्टर पवन कुमार, मास्टर संजय कुमार आदि वक्ताओं ने मृत्युभोज पर कड़ा प्रहार किया।