चंडीगढ़, 3 दिसंबर (ट्रिन्यू)
हरियाणा में ‘छोटी सरकार’ यानी नगर निगम, नगर परिषद व नगर पालिका की आर्थिक स्थिति इस साल मजबूत होगी। अकेले प्रॉपर्टी टैक्स से 500 करोड़ रुपए की अतिरिक्त कमाई होगी। निकायों में प्रॉपर्टी टैक्स के पुनर्मूल्यांकन (रि-एसेसमेंट) का काम तेज हो गया है। 19 शहरों में टैक्स की नई गणना के नोटिस जारी हो रहे हैं। चार शहरों में यह काम पूरा हो चुका है और बाकियों में अब नोटिस प्रक्रिया शुरू होगी।
प्रदेश के 88 शहरों की प्रॉपर्टी का पूरा डॉटा जियो टेक कर एनआईसी के पोर्टल पर अपलोड किया जा चुका है। निकाय विभाग द्वारा 2022-23 में देय टैक्स राशि की गणना होगी। इसी के आधार पर प्रापर्टी टैक्स के नोटिस जारी होंगें। शहरी निकाय विभाग ने प्राप्टी टैक्स के रि-एसेसमेंट का जिम्मा जयपुर की ‘याशी कंसलटेंट’ को सौंपा है। कंपनी द्वारा 19 शहरों में प्रापर्टी रि-एससमेंट नोटिस दिए जा चुके हैं।
यमुनानगर, इंद्री, कलायत और अटेली मंडी में इस काम को पूरा किया जा चुका है। यमुनानगर-जगाधरी शहरी निकाय क्षेत्र में कुल 1 लाख 80 हजार 666, इंद्री में 5 हजार 949, कलायत में 10 हजार 361 और अटेली मंडी में 4 हजार 578 मामलों में घर-घर जाकर रि-एसेसमेंट नोटिस का वितरण किया जा चुका है। साथ ही, प्रापर्टी की आठ डिजिट की आईडी सभी प्रॉपर्टी मालिकों को उपलब्ध करवाई जा चुकी है। यमुनानगर में नोटिस में संपत्ति की दी हुई जानकारी में संशोधन के लिए भी लोग आ रहे हैं।
सर्वे में बंद मिली 707 प्रॉपर्टी
37.17 प्रतिशत आवेदकों ने नाम हस्तांतरण के लिए आवेदन किया है। 707 प्रॉपर्टी ऐसी हैं, जो सर्वे के दौरान बंद मिली अथवा सर्वे के दौरान कोई जानकारी देने से इन्कार कर दिया गया। 75 प्रापर्टी खाली प्लॉट के रूप में सामने आई है। याशी कंसलटेंट के एमडी संजय कुमार गुप्ता ने का कहना है कि सर्वे के दौरान प्राप्त ऐसे समस्त आवेदनों का नियमानुसार निस्तारण प्राथमिकता से किया जा रहा है। ऐसे आवेदन जिनमें जरूरी दस्तावेज संलग्न नहीं हैं, उन आवेदकों से सीधे फोन के जरिए संपर्क साधा जा रहा है। जो व्यक्ति दस्तावेज उपलब्ध नहीं करा रहे हैं, उनकी सूची शहरी निकायों में भेज दी गई है। शहरी निकाय मंत्री अनिल विज द्वारा निकायों की स्वायत्ता पर जोर दिया जा रहा है।