सोनीपत, 31 जुलाई (निस)
केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने भाजपा की उत्तर प्रदेश इकाई द्वारा सोशल मीडिया पर साझा किये कार्टूनों का कड़ा विरोध किया है। शनिवार को यहां मोर्चा के नेताओं ने कहा कि भाजपा का किसान-विरोधी चरित्र सोशल मीडिया कार्टून पोस्ट के रूप में फिर उजागर हो गया। सत्ताधारी भाजपा की ओर से शांतिपूर्वक विरोध कर रहे किसानों को बाल से घसीटे जाने की धमकी बेहद शर्मनाक व आपत्तिजनक है।
मोर्चा नेता बलबीर सिंह राजेवाल, डॉ. दर्शन पाल, गुरनाम सिंह चढूनी, हन्नान मोल्ला, जगजीत सिंह डल्लेवाल व जोगिंदर सिंह उगराहां ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस प्रकरण पर चुप्पी साध ली है। इस तरह की अनैतिक और हिंसक धमकियां एक मजबूत जन-आंदोलन के सामने भाजपा की शक्तिहीनता का परिचायक है। उनका कहना था कि ऐसी धमकियों से किसान आंदोलन और मजबूत होकर उभरेगा।
साम्राज्यवाद विरोधी दिवस मनाया
शहीद उधम सिंह के शहादत दिवस को किसानों ने साम्राज्यवाद विरोधी दिवस के रूप में मनाया। इस दौरान कई मोर्चों पर आंदोलनकारियों ने सभाएं की और वक्ताओं ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में शहीद उधम सिंह के जीवन संघर्ष और बलिदान, साम्राज्यवाद और मानव शोषण के खिलाफ संघर्ष पर प्रकाश डाला।
संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने कहा कि दिल्ली विधानसभा के द्वारा तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग करते हुए पारित प्रस्ताव अहम बात है। प्रस्ताव में इतने महीनों के शांतिपूर्ण विरोध के बावजूद अब तक किसानों की मांग को न मानने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की गई है।
एसकेएम ने यह भी संज्ञान लिया कि विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की जिसमें किसानों के संघर्ष के दौरान सैकड़ों मौतों के मामले की जांच के लिए एक संयुक्त संसदीय पैनल बनाने के लिए उनके हस्तक्षेप की मांग की गई है। उन्होंने राष्ट्रपति से केंद्र से संसद में कृषि कानूनों पर चर्चा की अनुमति देने की भी अपील की।