गुरुग्राम, 18 जून (हप्र)
अरावली हिल्स की करीब 10 हजार एकड़ भूमि पर ‘अरावली सफारी पार्क’ विकसित करने की जमीनी तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। इस योजना के तहत 16 गांवों के जंगल की भूमि को लेकर एग्रीमेंट किए जाएंगे। समानांतर चिन्हित भूमि की डिजिटिल बाउंड्री का काम भी शुरू कर दिया गया है। हालांकि, नूंह जिले में अब तक जमीन की निशानदेही का काम शुरू नहीं हो पाया है।
अरावली सफारी पार्क के क्षेत्र में गुरुग्राम जिले के 10 गांव आते हैं। इनमें सकतपुर, गैरतपुर बांस, नरसिंहपुर, बार गुर्जर, टीकली, शिकोहपुर, घामडोज, अकलीमपुर, भोंडसी तथा अलीपुर शामिल हैं। इन गांवों की करीब 10 हजार एकड़ जंगलात भूमि इस परियोजना का हिस्सा होगी। नूंह जिले के 6 गांवों (कोटा-खंडेवला, गंगवानी, मोहम्मदपुर अहीर, खरक-जलालपुर, भंगो और चाहलका) की करीब 6 हजार एकड़ जमीन अभी तक इस योजना के तहत शामिल की गई है। ‘अरावली सफारी पार्क’ का 90 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा अरावली हिल्स जंगल का क्षेत्र होगा।
‘अरावली सफारी पार्क के क्षेत्र की निशानदेही जल्द पूरा करने पर जोर दिया जा रहा है। इसी को लेकर पर्यटन विभाग के प्रधान सचिव एमडी सिन्हा ने दोनों जिलों के अधिकारियों को जून महीने के अंत तक इससे संबंधित डिजिटिल नक्शा तैयार करने के लिए कहा गया है। निशानदेही करते समय यह भी रिकाॅर्ड दर्ज के निर्देश दिए हैं कि जमीन का मालिकाना हक किसके पास है। जंगल का ज्यादातर हिस्सा पंचायती है, लेकिन काफी संख्या में निजी मलकियत भी अरावली हिल्स पर है। जमीन के मालिकाना हक का रिकाॅर्ड साथ-साथ तैयार होने से संबंधितों के साथ समझौता करने में आसानी होगी।
गुरुग्राम के जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी नरेंद्र सारवान ने बताया कि प्रस्तावित सफारी पार्क के क्षेत्र के 10 गांवों में से 3 का गांवों की जमीन की निशानदेही वनकर्मियों को साथ लेकर पूरी की जा चुकी है। शेष 7 गांवों से संबंधित कार्य एक सप्ताह के अंदर पूरा कर लिया जाएगा। नूंह की एडीसी सुभिता ढाका ने बताया कि निशानदेही का कार्य अगले 15 दिन में पूरा करके रिपोर्ट पर्यटन विभाग को भेज दी जाएगी।