नारनौल, 1 नवंबर (निस)
‘जो भरा नहीं है भावों से, बहती जिसमें रसधार नहीं, ह्दय नहीं वह पत्थर है, जिसमें जनसेवा का भाव नहीं।’ दिल्ली पुलिस के पूर्व डीसीपी लक्ष्मीनारायण राव ने सोमवार को जनसेवा मंडल के राष्ट्रीय कार्यालय में मंडल के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि 34 वर्ष पहले समाजसेवी पवन बाछोदिया ने जनसेवा का संकल्प लेते हुए जो बगीचा लगाया था, वह आज देश व प्रदेश की सीमाएं लांघकर विदेश तक फैल गया है। हजारों की संख्या में जनसेवा मंडल के समाजसेवी कार्यकर्ता विदेश तक अपने जनसेवी कार्यों से मानव मात्र की सेवा में जुटे हैं। उन्होंने बताया कि अपनी पुलिस सेवा के दौरान भी उन्होंने जनसेवा के कार्यों को जारी रखा। राव ने कहा कि आज जनसेवा मंडल समाजसेवा का विशाल संगम बन चुका है। इस अवसर पर वाइस चेयरमैन स्नेहलता, प्रवीण राव एडवोकेट, अशोक जांगड़ा पार्षद, बाबू अजीत सिंह, योगेश शर्मा, पंडित दयानन्द, विनोद जांगड़ा, वेदप्रकाश मास्टर, दीपक शर्मा व अन्य मौजूद रहे।