हिसार, 8 सितंबर (निस)
कोरोना महामारी का प्रकोप हल्का पडऩे से एचएयू प्रशासन द्वारा 2 साल बाद रबी कृषि किसान मेले का 2 दिवसीय आयोजन आज शुरू हुआ, जिसमें किसानों ने जमकर बीज व पौधे खरीदे। मेले के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग के सचिव एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के महानिदेशक डॉ. त्रिलोचन महापात्र ने कहा कि कृषि के लिए जल एक महत्वपूर्ण संसाधन है। जल का उचित प्रबन्धन न होने से करीब 70 प्रतिशत सिंचाई का जल व्यर्थ बह जाता है। इसलिए कृषि वैज्ञानिकों द्वारा विकसित तकनीकों और विभिन्न फसलों की उन्नत किस्मों को किसान ज्यादा से ज्यादा व्यवहारिक रूप से अपनाएं। कार्यक्रम में लाला लाजपतराय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय हिसार के कुलपति डॉ. गुरदियाल सिंह विशिष्ट अतिथि थे, जबकि अध्यक्षता हकृवि एवं गुजवि के कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज ने की। डॉ. महापात्र ने कहा कि हरियाणा जैसे प्रदेश में इतनी ज्यादा मात्रा में पानी का बेकार जाना चिंता का विषय है। कार्यक्रम में ओएसडी डॉ. अतुल ढींगड़ा, कुलसचिव डॉ. राजवीर सिंह, विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. रामनिवास ढांडा, अनुसंधान निदेशक डॉ. एसके सहरावत, गुजवि के कुलसचिव डॉ. अवनीश वर्मा सहित सभी महाविद्यालयों के अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष एवं किसान मौजूद रहे।