चंडीगढ़, 16 जुलाई (ट्रिन्यू)
भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजीव जैन ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र में कहा है कि नॉन-ब्रांडेड कृषि जींस पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगाने के निर्णय से छोटे व्यापारी बर्बाद न हो, इसके लिए जीएसटी में रजिस्ट्रेशन छूट की सीमा 10, 20 और 40 लाख से बढ़ाकर एक करोड़ की जानी चाहिए।
उनका कहना है कि जीएसटी कौंसिल की चंडीगढ़ में आयोजित 47वीं बैठक में पैकेड कृषि जींस – गेहूं, चावल, दाल, आटा, दही, पनीर आदि पर जीएसटी शून्य से बढ़ाकर पांच प्रतिशत करने का निर्णय लिया गया। यह माइक्रो स्केल कृषि व्यापारियों और सेवा प्रदाताओं के लिए घातक एवं बर्बादी का कारण बनने वाला है। वजह साफ है कि कृषि क्षेत्र के छोटे व्यापारी बहुत कम मुनाफे पर काम करते हैं।
ऐसे में जीएसटी लगाने से महंगाई के साथ साथ व्यापार भी प्रभावित होगा। पत्र में लिखा है कि कृषि खाद्य वस्तुओं पर पहले से विभिन्न प्रकार की मार्केट फीस एवं विकास शुल्क के नाम पर सेस लगे हुए हैं।
जैन ने सुझाव दिया है कि 18 जुलाई से लगने वाले जीएसटी के निर्णय को टाला जाए और यदि लगाना जरूरी है तो राज्य सरकारों को मार्केट फीस 1 प्रतिशत करने, विभिन्न तरह के सेस हटाने के लिए पाबंद करना चाहिए। उन्होंने कहा कृषि एवं खाद्य वस्तुओं के व्यापारियों और मिल्स सेवा प्रदाताओं को रजिस्ट्रेशन छूट की सीमा एक करोड़ टर्नओवर की होनी चाहिए।