चंडीगढ़, 27 मार्च (ट्रिन्यू)
हरियाणा सरकार का इस साल सड़क हादसों को कम करने पर जोर रहेगा। दुर्घटनाओं में लोगों के मरने की दर कम करने के लिए सरकार ‘4-ई’ फार्मूले पर काम करेगी। प्रदेश के सभी जिलों के डीसी और एसपी को सीएम मनोहर लाल खट्टर ने यह ‘4-ई’ फार्मूला सुझाया है और इस पर काम करने के निर्देश दिए हैं। सीएम ने कहा कि सुरक्षित राजमार्ग के लिए इंजीनियरिंग, इंफोर्समेंट, इमरजेंसी केयर और एजुकेशन पर ध्यान देना होगा।
सीएम शनिवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये डीसी-एसपी की बैठक ले रहे थे। सीएम ने प्रदेश के सभी नेशनल व स्टेट हाईवे के अलावा जिलों की सड़कों पर दुर्घटना संभावित एरिया को चिह्नित करने के निर्देश दिए। इन जगहों को हादसों से मुक्त करने के लिए सरकार काम करेगी। रोड सेफ्टी ऑडिट कराया जाएगा ताकि कारणों का पता लगाकर हादसों को रोका जा सके। लोगों को रोड सेफ्टी नियमों के बारे में जागरूक भी किया जाएगा।
सीएम ने दो-टूक कहा कि यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों से सख्ती से निपटा जाए। ओवर स्पीड में गाड़ी चलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। इसके लिए प्रदेशभर में जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जा रहे हैं। तीसरी आंख की जद में आने वाले ओवर स्पीड वाहन चालकों के घर चालान पहुंचेंगे। दोपहिया वाहनों के लिए हेलमेट और गाड़ियों में सीट बेल्ट अनिवार्य किया गया है। हालांकि नियमों में इसका पहले से प्रावधान है लेकिन अब पुलिस सख्ती बरतेगी। बैठक में सीएम ने अधिकारियों को कहा कि इस साल सरकार की प्राथमिकता सड़क हादसों को कम करने की रहेगी। राज्य के सभी जिलों में दुर्घटना रहित आदर्श सड़कों का भी निर्माण होगा। बैठक में पुलिस के अलावा पीडब्ल्यूडी सहित कई विभागों के आला अफसर भी मौजूद रहे। उन्होंने सड़क निर्माण में सभी रोड इंजीनियरिंग के मानकों को लागू करने के निर्देश दिए। जगह-जगह दिशा सूचक, संकेतक लेन सहित रोड सेफ्टी से जुड़े सभी बिंदुओं पर काम होगा।
प्रदेश सरकार ने रोड सेफ्टी के लिए सभी जिलों में कमेटियों का गठन किया हुआ है। सीएम ने नियमित रूप से कमेटियों की बैठक करने के निर्देश दिए। साथ ही, कहा कि ये कमेटियां सुनिश्चित करेंगी कि सड़क निर्माण से जुड़े विभागों के इंजीनियरों के रोड सेफ्टी आडिट के प्रशिक्षण कराए जाएं।
ट्रेनिंग कार्यक्रम होंगे आयोजित
सड़क हादसों में कमी लाने के लिए परिवहन विभाग विशेष नीति बना रहा है। सड़क निर्माण से जुड़ी संस्थाओं व विभागों के इंजीनियरों को रोड सेफ्टी के लिए ट्रेनिंग कार्यक्रम आयोजित होंगे। इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड रिसर्च (आईडीटीआर) द्वारा आटोमेटेड ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने वाले केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
जान बचाने वाले होंगे सम्मानित
बैठक में सीएम ने कहा कि सड़क हादसे के बाद सबसे पहले एंबुलेंस सेवा का पहुंचना जरूरी है। कम से कम समय में मौके पर पहुंच घायल को अस्पताल पहुंचाने व उसकी जान बचाने वाले कर्मियों को सम्मानित किया जाएगा। बिना किसी पचड़े में फंसे तुरंत मरीज का उपचार कर उसकी जान बचाने वाले डॉक्टरों व मेडिकल स्टॉफ को भी सरकार सम्मानित करेगी।