चंडीगढ़, 8 मार्च (ट्रिन्यू)
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने गठबंधन सरकार के तीसरे बजट में भी साफ कर दिया है कि केंद्र की नई शिक्षा नीति को हरियाणा 2030 में नहीं, बल्कि 2025 तक ही लागू कर देगा। प्रदेश में संस्कृति मॉडल स्कूलों की संख्या बढ़ाकर 500 की जाएगी। वर्तमान में सीबीएसई से संबद्ध ऐसे स्कूलों की संख्या 138 है। इस साल सरकार ऐसे 362 और स्कूल स्थापित होंगे। संस्कृति मॉडल स्कूलों में पांचवीं कक्षा से ही बच्चों को कंप्यूटर शिक्षा प्रदान की जाएगी।
प्रदेश के सभी स्कूलों और कॉलेजों में आईटी तकनीक का इस्तेमाल होगा। सरकार ने सभी कॉलेजों में कम से कम 10-10 स्मार्ट क्लास-रूम स्थापित करने का फैसला लिया है। बेटियों को बेहतर व सुरक्षित परिवहन सेवा के लिए सरकार ने ‘साथी’ नामक योजना शुरू करने का निर्णय लिया है। लड़कियों का ड्राप-आउट रोकने के लिए यह योजना कारगर सिद्ध होगी। अब सभी वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों, महाविद्यालयों, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों, पॉलिटेक्निक, चिकित्सा और पैरा-मेडिकल तथा नर्सिंग संस्थानों की छात्राओं को इसका लाभ मिलेगा।
सरकारी स्कूलों के 25 लाख बच्चों का सरकार साल में दो बार मेडिकल चैकअप कराएगी। बच्चों में खून की कमी आमतौर पर देखने को मिलती है। अनाज से एलर्जी के मामले भी बढ़ रहे हैं। ऐसे में चैकअप के जरिये बच्चों की बीमारियों को प्रारंभ में ही पकड़ा जा सकेगा। स्कूलों को स्वास्थ्य केंद्रों व अस्पतालों के साथ कनेक्ट किया जाएगा। कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने अटल टिंकरिंग लैब (एटीएल) की तर्ज पर 50 सेमी लैब स्थापित करने का निर्णय लिया है। प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर अब आठवीं से बारहवीं तक के बच्चों के लिए विषयवार ओलंपियाड शुरू करने की योजना बनाई है। इतना ही नहीं, विद्यार्थियों को राष्ट्रीय वैमानिकी एवं अंतरिक्ष प्रशासन (नासा) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) जैसे विज्ञान संस्थानों में एक्सपोजर विजिट पर भेजा जाएगा। जिला व प्रदेश स्तर पर ओलंपियाड विजेताओं को सम्मानित किया जाएगा।
इसी तरह से सेवारत सैनिकों व अर्धसैनिकों के बच्चों को समय-समय पर शैक्षिक सहायता मुहैया कराई जाएगी।प्राइवेट और सरकारी स्कूलों के बच्चों को आपस में रूबरू करवाने के लिए ऑडियो-विजुयल कक्षाओं का आयोजन होगा। दोनों को आपस में जोड़ा जाएगा। इसके लिए टि्वनिंग कार्यक्रम शुरू होगा।
प्रदेश के शैक्षणिक संस्थानों में हैड टीचर, हैड मास्टर व प्राचार्य की नियुक्ति से पहले उन्हें ‘नेतृत्व प्रशिक्षण’ लेना होगा। यह ट्रेनिंग सभी के लिए अनिवार्य होगी।
कार्यक्रम के तहत शिक्षकों को प्रबंधन और नेतृत्व कार्यों के लिए ट्रेंड किया जाएगा। वहीं दसवीं और 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को कनेक्टिवटी के साथ टैबलेट मुहैया कराए जाएंगे। पांच लाख विद्यार्थियों को टैब पर 650 करोड़ से अधिक खर्च होंगे। सभी सरकारी वरिष्ठ माध्यम विद्यालयों में लाइब्रेरी स्थापित होंगी।
ज्योतिषशास्त्र और आयुर्वेद पर पाठ्यक्रम
सरकार यूनिवर्सिटी में भारतीय भाषाओं, कला एवं संस्कृति, ज्योतिषशास्त्र और आयुर्वेद आदि पर ऑनलाइन पाठ्यक्रम शुरू करेगी। इसके लिए विदेशी छात्रों को भी आकर्षित किया जाएगा। सीएम ने प्राचीन भाषाओं और हस्तलिपि में सीखने, अध्ययन व शोध में लगे संस्थानों को अनुदान देने के लिए योजना शुरू करने का ऐलान किया है। मानेसर में इंस्टीट्यूट ऑफ एमर्जिंग टेक्नोलॉजी स्थापित होगा।
- स्कूल मुखिया लगने से पहले लेना होगा नेतृत्व प्रशिक्षण
- प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर 8वीं से 12वीं के विद्यार्थियों के लिए होगा ओलंपियाड
- 25 लाख विद्यार्थियों का साल में 2 बार मेडिकल चेकअप
- सभी स्कूलों में लाइब्रेरी,सरकारी व निजी स्कूलों के बच्चे होंगे रूबरू