गुरुग्राम, 20 जून (हप्र)
सबसे ज्यादा अधिकारों वाली सिविक एजेंसी गुरुग्राम मेट्रोपॉलिटन डेवलेपमेंट अथोरिटी (जीएमडीए) वर्ष 2019 से जून 2022 तक सिर्फ 35 किलोमीटर मुख्य सीवर लाइनों की ही सफाई करवा पायी है। यह स्थिति तब है जब बारिश के दिनों में हर साल दर्जनों स्थानों पर भारी जलभराव के चलते भयंकर यातायात जाम का सामना करना पड़ता है। अथोरिटी का दावा है कि मास्टर और सामान्य बरसाती पानी के नालों की सफाई से संबंधित प्रमुख परियोजनाओं को क्रियान्वित करना प्रमुखता में शामिल है।
जीएमडीए द्वारा उपलब्ध करवाए गए आंकड़ों पर नज़र डाली जाए तो वर्ष 2019 से अब तक सिर्फ 35 किलोमीटर लंबे मास्टर ड्रेन से ही गाद निकाली गई है। इसी तरह अपने अधिकार क्षेत्र की 135 किलोमीटर लंबी मुख्य सीवर लाइन में से सिर्फ 35 किलो सीवर लाइन की सफाई की गई है। दावा किया जा रहा है कि शहर के विभिन्न स्थानों पर 9.4 किलोमीटर लंबी मास्टर ड्रेन की सफाई का कार्य चल रहा है। कई सेक्टर्स की डिवाइडिंग रोड की आरसीसी पाइप ड्रेन की सफाई के साथ-साथ डिसिल्टिंग का कार्य उच्च क्षमता वाली सुपर सकर मशीनों का उपयोग करके किया गया है। इसी तरह, 12 किलोमीटर लंबाई वाली मुख्य सीवर लाइनों की सफाई का काम जारी है। अब तक सिर्फ 6 किलोमीटर मास्टर सीवर लाइन पर सीआईआईपी लाइनिंग पूरी की गई है और साढ़े 7 किलोमीटर क्षेत्र में यह काम जारी है।
कांग्रेस ने करार दिया सफेद हाथी
कांग्रेस नेता पंकज डावर का कहना है, ‘जीएमडीए सफेद हाथी बनकर रह गई है। इस सिविक एजेंसी के अधिकारियों का मुख्य सिर्फ सरकारी पैसे की बर्बादी करना है। वास्तव में जमीनी स्तर पर कोई ऐसा काम दृष्टिगोचर नहीं हुआ जिससे इसके गठन का औचित्य समझ में आ सके।’ वह कहते हैं कि तीन साल में सिर्फ 35 किलोमीटर सीवर व मास्टर डेªन की सफाई कर पाने से अनुमान लगाया जा सकता है कि उक्त एजेंसी कितने ढ़ीले और मनमाने रवैये से काम कर रही है। गौरतलब है कि नालों व सीवर की सफाई नहीं होने के कारण हर साल बारिश में गुरुग्राम अघोषित रूप से डूब जाता है।