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8 माह में 341 तस्कर गिरफ्तार, अवैध संपत्ति पर भी कार्रवाई

नशे पर जीरो टॉलरेंस: हरियाणा पुलिस की सख्ती
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हरियाणा को नशा मुक्त बनाने की दिशा में हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने निर्णायक जंग छेड़ दी है। ब्यूरो अब केवल मादक पदार्थों की बरामदगी तक सीमित नहीं, बल्कि तस्करों के ऑनलाइन नेटवर्क, मनी ट्रेल और अवैध संपत्ति तक पर प्रहार कर रहा है। डीजीपी (एचएसएनसीबी) ओपी सिंह ने चौथी द्विमासिक समीक्षा बैठक में स्पष्ट कहा कि नशे के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति पर ही काम होगा, किसी भी स्तर पर नरमी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

बैठक में साइबर निगरानी और डिजिटल जांच को मजबूत करने, एजेंसियों के बीच त्वरित समन्वय, मनी ट्रेल पर फोकस, गांव-गांव व शैक्षणिक संस्थानों में जागरूकता अभियान और यूनिट स्तर पर मासिक मूल्यांकन को प्राथमिकता दी गई। युवाओं को नशे से बचाने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म और जमीनी स्तर पर दोनों तरह से काम हो रहा है। ‘मानस हेल्पलाइन (1933)’ का वीडियो संदेश इंस्टाग्राम पर 1 करोड़ से अधिक बार देखा जा चुका है।

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आठ माह में बड़ी कार्रवाई

जनवरी से अगस्त 2025 तक एचएसएनसीबी ने 188 एफआईआर दर्ज कर 341 आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिनमें 50 मामले वाणिज्यिक मात्रा से जुड़े थे। यह प्रदेशभर में दर्ज कुल वाणिज्यिक मामलों का 16 प्रतिशत है। बरामदगी में भी ब्यूरो का योगदान अहम रहा - फार्मेसी ड्रग्स में 16.66 प्रतिशत, अफीम में 13.82 प्रतिशत और चरस में करीब 10 प्रतिशत।

हरियाणा पुलिस ने अंतर्राज्यीय तस्करों को भी निशाने पर लिया। जनवरी-अगस्त में 392 तस्कर पकड़े गए। इनमें सबसे अधिक उत्तर प्रदेश से 124, पंजाब से 100, राजस्थान से 34 और दिल्ली से 30 शामिल हैं। एनडीपीएस एक्ट की धारा 68-एफ के तहत 2025 में अब तक 1.75 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की जा चुकी है, जबकि 32.18 करोड़ रुपये की जब्ती की प्रक्रिया जारी है। सिरसा, हिसार और डबवाली जैसे जिलों ने इस दिशा में सबसे अधिक सक्रियता दिखाई।

 

 

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