चंडीगढ़, 17 जुलाई (ट्रिन्यू)
हरियाणा में प्राकृतिक आपदा ने इस बार काफी जान-माल का नुकसान किया है। प्रदेश में मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 34 हो गया है। सरकार ने मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की आर्थिक मदद करने का ऐलान किया हुआ है।
वहीं जलभराव और बाढ़ की वजह से 400 से अधिक मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। इनमें 134 मकान तो पूरी तरह से तबाह हो गए। वहीं 268 मकानों में काफी दरारें आई हैं।
ये मकान कई जगह से धंस भी गए हैं। सरकार ने मकान मालिकों की भी आर्थिक मदद करने का निर्णय लिया है। वहीं पिछले चौबीस घंटों के दौरान राज्य के 80 और गांवों को बाढ़ ने अपनी चपेट में लिया है। यमुना और घग्गर नदी का पानी जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा है, साथ लगते गांवों को अपनी चपेट में ले रहा है। अब अधिक नुकसान किसानों की फसलों में हो रहा है। खेतों में जलभराव की वजह से उनकी परेशानी बढ़ गई है।
सरकार का कहना है कि बाढ़ से प्रभावित लोगों की सुरक्षा को लेकर सरकार सतर्क और गंभीर है। बरसाती पानी के कारण कोई बीमारी न फैले, इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभिन्न कदम उठाए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीमें जल जनित रोग और वेक्टर जनित रोग के लक्षणों के बारे में लोगों को जागरूक कर रही हैं।
383 गांवों, 26 वार्डों में पहुंची मेडिकल टीम
स्वास्थ्य विभागों की टीमों द्वारा जलभराव वाले एरिया में लोगों के स्वास्थ्य की जांच की जा रही है। मेडिकल टीमों ने सोमवार को 383 गांवों और शहरी क्षेत्र के 26 वार्डों में दौरा कर लोगों के स्वास्थ्य की जांच की। जांच कैम्प के दौरान मरीजों का चैकअप किया गया। इनमें से 805 को बुखार, 272 को आंत्रशोथ, 9 को पेचिश, 10 को सर्पदंश, 1174 को चर्म रोग, 317 को आंखों से संबंधित बीमारी पाई गई। 43 गांवों/वार्डों में में फॉगिंग करवाई है। विभाग की टीमों ने 5759 ओआरएस के पैकेट लोगों में वितरित किए हैं। चौबीस घंटों के दौरान राज्य में चार और लोगों के मरने की रिपोर्ट हुई है।