सोनीपत, 23 जनवरी (निस)
सोनीपत में 35 दिन में साइबर ठगी के 22 मामले दर्ज हुए हैं और लोगों के खातों से 33 लाख रुपये उड़ गये हैं। कोरोनाकाल के बाद से साइबर ठगी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। आरोपी नये-नये बहाने बनाकर ठगी कर रहे हैं। साइबर ठग मौका पाकर लोगों के खाते खाली कर रहे हैं। शिकायत मिलने के बाद पुलिस सक्रिय तो होती है मगर उसका अच्छा-खासा समय बैंक और मोबाइल कंपनियों से डाटा निकलवाने में ही बीत जाता है। तब तक साइबर ठग खातों से रकम निकालकर अंडरग्राउंड हो जाते हैं। साइबर ठगी फर्जी आईडी पर चल रहे नंबर और फर्जी आईडी पर खुले बैंक खातों से हो रहे हैं। ऐसे में अपराधियों को ट्रेस कर पाना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बन गई है।
इन्हें हो चुका है नुकसान
कई लोगों का आर्थिक नुकसान हो चुका है। 15 दिसंबर को सेक्टर-12 के रहने वाले युवक से कंपनी में नौकरी लगवाने का झांसा देकर ऑनलाइन 6.14 लाख रुपये ठग लिये गये। 23 दिसंबर को हैफेड के सेवानिवृत्त अधिकारी करतार सिंह का खाता अपडेट करने के नाम पर बैंक मैनेजर बनकर खाते से 3 लाख रुपये निकाल लिये गये। 24 दिसंबर को झिंझौली के सेवानिवृत्त फौजी के खाते से 2.25 लाख रुपये निकाल लिये गये। 30 दिसंबर को देवनगर की सुशीला के खाते से 6.58 लाख रुपये निकालने और 30 दिसंबर को ही थाने में दर्ज कृषि विभाग के सेवानिवृत्त इंस्पेक्टर के मोबाइल में एजुकेशन एप डाउनलोड कराने का झांसा देकर ओटीपी नंबर पता कर 3 लाख निकालने के मामले चर्चा में रहे।
” साइबर ठगी का मुख्य कारण व्यक्ति की लापरवाही है। अपने खाते में रुपया लेने के लिए किसी एप को डाउनलोड न करें। किसी को ओटीपी या अन्य जानकारी किसी न दें। ठगी की वारदात झारखंड के जामतारा व हरियाणा के मेवात क्षेत्र से हो रही है। उनके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। ”
-जोगेंद्र सिंह, प्रभारी, साइबर सेल