सिद्धमुख नोहर नहर टूटने से 300 एकड़ फसल जलमग्न
बीती रात जिले के गांव गोरखपुर में डुम्मा वाले पुल के पास सिद्धमुख नोहर फीडर नहर टूट गई। नहर में करीब 40 फुट से ज्यादा चौड़ी दरार आ गई थी, जिस कारण करीब 300 एकड़ से ज्यादा फसल में...
बीती रात जिले के गांव गोरखपुर में डुम्मा वाले पुल के पास सिद्धमुख नोहर फीडर नहर टूट गई। नहर में करीब 40 फुट से ज्यादा चौड़ी दरार आ गई थी, जिस कारण करीब 300 एकड़ से ज्यादा फसल में पानी भर गया तथा खेतों में बनी करीब 60 ढाणियों के चारों ओर जलभराव हो गया है। इस कारण ढाणियों में रहने वाले परिवार ढाणियों में ही कैद होकर रह गए हैं। बीती रात करीब साढ़े बारह बजे नहर टूटने का पता चला। मौके पर गोरखपुर गांव के सरपंच मंदीप योगी ने पहुंचकर सिंचाई विभाग के अधिकारियों को सूचित किया। रात में ही किसानों ने अपने स्तर पर नहर को बांधने का काम शुरू किया। इसके बाद सिंचाई विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। आसपास के गांवों के किसानों को भी सूचना दी गई। फिर गोरखपुर के साथ-साथ खजुरी जाटी, काजल हेड़ी व गांव कुम्हारिया के भी काफी किसान मौके पर पहुंचे। सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने पीछे से नहर में पानी बंद करवाकर ग्रामीणों, मनरेगा मजदूरों व मशीनों की मदद से नहर पाटने का कार्य शुरू किया। कड़ी मशक्कत के बावजूद करीब 15 घंटे बाद नहर को पाटा जा सका। नहर के पानी से करीब तीन सौ एकड़ में फसल जलमग्न हो गई।किसानों ने आरोप लगाया कि नहर बार बार टूटती है, लेकिन सिंचाई विभाग ध्यान नहीं देता।
क्या कहते हैं एसडीओ
सिंचाई विभाग के एसडीओ सुभाष सोनी ने बताया कि जैसे ही नहर में दरार की सूचना मिली वे मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि नहर के दरार पाटने में पोक लेन मशीन व जेसीबी मशीनें लगाई गई। इसके अलावा ग्रामीण, करीब 150मनरेगा मजदूर व ट्रेक्टर ट्रॉलियों की मदद से नहर की दरार बंद की गई। नहर टूटने के कारणों के बारे उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में साही (पार्कुपिन) जानवर काफी संख्या में है। तीर के सामान कांटेदार शरीर वाले ये जीव गर्मी में ठंड की तलाश में नहर किनारे बड़े बिल बनाते हैं, जो नहर के अंदर तक निकल जाते हैं। इसके अलावा चूहे व सियार भी अपने बिल बनाते हैं।