चंडीगढ़, 1 जुलाई (ट्रिन्यू)
हरियाणा में सबसे गरीब परिवारों के आर्थिक उत्थान के उद्देश्य से राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना (एमएमएपीयूवाई) के तहत चिह्नित अति गरीब परिवारों को उनकी पसंद का रोजगार मिले, इसके लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने प्रशासनिक सचिवों को छह विभागों की एक संयुक्त टीम गठित करने का निर्देश दिया है। सीएम ने बृहस्पतिवार को चंडीगढ़ में योजना के संबंध में प्रशासनिक सचिवों के साथ समीक्षा बैठक की।
संयुक्त टीम में 6 मुख्य विभागों विकास एवं पंचायत, शहरी स्थानीय निकाय, कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण, पशुपालन एवं डेयरी और ग्रामीण विकास विभाग में से एक-एक सदस्य को शामिल किया जाएगा। सीएम ने यह भी निर्देश दिए कि इस टीम में शामिल प्रत्येक विभाग को अपने विभाग की प्रमुख योजनाओं की विस्तृत सूची बनानी चाहिए, जिससे चिह्नित परिवारों के सदस्यों को इनकी जानकारी दी जा सके।
सीएम ने कहा कि योजना के तहत आय सत्यापन के आधार पर अब तक राज्य में सबसे कम आय वाले 30 हजार गरीब परिवारों की पहचान की गई है, इनकी आय 50 हजार रुपये से कम है। इनका डाटा संबंधित विभागों के साथ साझा किया जा चुका है, इसलिए अब इन परिवारों के सदस्यों तक व्यक्तिगत रूप से पहुंचने के लिए समर्पित प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इस वर्ष सबसे कम आय वाले ऐसे एक लाख गरीब परिवारों के आर्थिक उत्थान का लक्ष्य रखा है।
सीएम ने निर्देश दिए कि 6 सदस्यीय टीम के सदस्य चिन्हित एवं सत्यापित परिवारों के सदस्यों के साथ व्यक्तिगत रूप से संवाद करने के लिए ब्लॉक स्तर पर विशेष शिविर आयोजित करें। ऐसे सभी परिवारों के लिए एक प्रश्नावली भी तैयार की जानी चाहिए, जिसमें राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही 30 प्रमुख योजनाओं की जानकारी भी दर्ज हो। संवाद के दौरान ऐसे परिवारों से प्रश्नावली के जवाब लिए जाएं, जिनसे उनकी किस कार्य में अधिक रुचि है, इसका पता लगाया जा सके। इन जवाबों के आधार पर टीम के सदस्य आय बढ़ाने की योजना को अंतिम रूप देने की दिशा में पहल करें। इन 30 योजनाओं के जानकारीयुक्त पैम्फलेट भी इन परिवारों में वितरित किए जाएं, जिससे उनमें जागरूकता बढ़ाई जा सके। सीएम ने कहा कि संवाद सत्र के दौरान परिवारों को स्किलिंग कोर्स के बारे में भी जागरूक किया जाए।
उन्होंने कहा कि परिवारों से ली गई जानकारी के आधार पर उनके पसंद के काम के अनुसार परिवारों की अलग से सूची भी बनाई जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि जो परिवार पहले से कोई काम कर रहे हैं, जिसमें उनकी आय कम है, तो उसी कार्य में उनकी आय किस प्रकार बढ़ाई जा सकती है, इस पर प्राथमिकता दी जाए।
बैठक में मुख्य सचिव विजय वर्धन, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं वित्त आयुक्त संजीव कौशल, विकास एवं पंचायत विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अमित झा, पशुपालन एवं डेयरी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अंकुर गुप्ता, कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजा शेखर वुंड्रू, सीएम के प्रधान सचिव वी़ उमाशंकर, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के प्रधान सचिव विनीत गर्ग, सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव विजयेंद्र कुमार, रोजगार विभाग के आयुक्त एवं सचिव नितिन कुमार यादव, कौशल विकास व औद्योगिक प्रशिक्षण एवं रोजगार विभाग के महानिदेशक पीसी मीणा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
जोन स्तर पर गठित करें समितियां
मुख्यमंत्री ने कहा कि अंत्योदय की भावना के साथ पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति के उत्थान के लिए सरकार एमएमएपीयूवाई क्रियान्वित कर रही है। योजना के सफल कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए 6 सदस्यीय टीम के अलावा जोनवार समिति गठित की जानी चाहिए। योजना के कार्यान्वयन के लिए राज्य स्तरीय व जिला स्तरीय टास्क फोर्स पहले ही गठित की जा चुकी हैं। उन्होंने कहा कि इन टीमों के प्रत्येक सदस्य को अंत्योदय की भावना के साथ राज्य के सबसे गरीब एक लाख परिवारों की पहचान करने के साथ-साथ उनका आर्थिक उत्थान सुनिश्चित करने के लिए कार्य करना चाहिए। सीएम ने कहा कि सरकार पर पहला हक गरीब व्यक्ति का है, इसी मंत्र के साथ ‘मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना’ शुरू की गई है। इसके अंतर्गत चिह्नित एक लाख परिवारों की सालाना आय कम से कम एक लाख रुपये करने के प्रयास किए जाएंगे।