सोनीपत, 12 मार्च (हप्र)
पेपर सॉल्वर गैंग के 3 आरोपियों को एसटीएफ सोनीपत ने गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपी रोहतक के गांव आसन का सुशील, सोनीपत के मुंडलाना का सतीश कुमार और अमित कुमार शामिल है। अमित कुमार गोहाना डाकघर में डाकिया के पद पर नियुक्त है। एसटीएफ ने तीनों आरोपियों को 3 दिन के रिमांड पर लिया है। इनमें सुशील व सतीश की अपनी लैब होने के साथ ही अन्य लैब में भी साझेदारी है। एसटीएफ सोनीपत प्रभारी इंस्पेक्टर सतीश देशवाल ने बताया कि पानीपत में दर्ज मामले में टीम ने सुशील, सतीश और अमित को गिरफ्तार किया है।
तीनों को 6 अक्तूबर, 2021 को पानीपत के सेक्टर-13/17 थाने में पानीपत के सुरक्षा शाखा प्रभारी प्रमोद के बयान पर दर्ज मुकदमे में पकड़ा गया है। पेपर लीक को लेकर दर्ज किए गए मुकदमे में जांच के दौरान करीब 14 पेपर सॉल्व करने का मामला सामने आया था। इस मामले के आरोपी हैकिंग सॉफ्टवेयर का प्रयोग कर नौकरी लगवाने के नाम पर लोगों से पैसे लेते हैं। यह गिरोह वर्ष 2013 से चल रहा है। इस मामले के सरगना दिल्ली पुलिस के सिपाही रोबिन और रूस के एक हैकर संग मिलकर लैब बनाने के आरोपी पलवल के गांव अतरचटा के राज सिंह उर्फ राज तेवतिया को भी काबू किया जा चुका है। मामले में अब तक 29 गिरफ्तारी हो चुकी हैं, जिसमें पेपर सॉल्वर गैंग संग मिलकर नौकरी पाने वाले 5 आरोपी भी शामिल हैं। एसटीएफ की जांच में सामने आया था कि आरोपी कोचिंग सेंटर संचालकों से मिलकर अभ्यर्थियों का पता लगाते थे। पेपर पास कराने के नाम पर उनसे सौदा किया जाता था। नौकरी व वेतन के अनुसार 3 लाख से 15 लाख रुपये में सौदा किया जाता था। एसटीएफ ने मामले में अब सुशील, सतीश और अमित को गिरफ्तार किया है। तीनों से पूछताछ में सामने आया है कि अमित डाक विभाग में डाकिया के पद पर कार्यरत है। वह गोहाना में नियुक्त है। वहीं दो अन्य की अपनी लैब है और 22 अन्य लैब में इनकी हिस्सेदारी है। तीनों को 3 दिन के रिमांड पर लेकर गहनता से पूछताछ शुरू कर दी गई है।
अभ्यर्थियों से संपर्क के लिए एमडीयू रोहतक में डाला हुआ था डेरा
पेपर सॉल्वर गैंग के तीनों आरोपी अभ्यर्थियों से संपर्क कर उनके पेपर सॉल्व कराने के लिए सौदा करते थे और 3 से 15 लाख तक वसूलते थे। आरोपी सुशील ने तो अभ्यर्थियों से संपर्क के लिए महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक में डेरा डाल रखा था। उसने अपनी लैब भी बना रखी है, इसके साथ ही उसके साथी सतीश व अमित भी अभ्यर्थियों से पेपर पास कराने के लिए संपर्क कर उन्हें गैंग से जोड़ते थे। एसटीएफ सोनीपत प्रभारी इंस्पेक्टर सतीश देशवाल ने बताया कि पानीपत में दर्ज मुकदमे में गिरफ्तार आरोपी सुशील, सतीश व अमित पेपर सॉल्वर गैंग से लंबे समय से जुड़े हैं। आरोपी हैकिंग सॉफ्टवेयर का प्रयोग कर नौकरी लगवाने के नाम पर लोगों से पैसे लेते हैं। आरोपी सुशील गैंग से जुड़ने के बाद अभ्यर्थियों का डाटा एकत्रित करने के लिए रोहतक के महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में रहने लगा था। आरोपी कभी कैंटीन में बैठने लगता तो कभी दूध के बूथ पर बैठता था। वह अभ्यर्थियों को फार्म भरने में मदद करता था। इसी दौरान बहाने से वह उनसे पेपर सॉल्व कराने का सौदा करता था। इसके लिए वह गैंग के अन्य सदस्यों से भी मिलवाता था। एसटीएफ प्रभारी ने बताया कि जांच में सामने आया है कि सुशील का पहले अापराधिक रिकॉर्ड भी रहा है। वह हत्या के प्रयास व लूट के मामलों में नामजद रह चुका है। गिरफ्तार आरोपी अमित व सतीश एक ही गांव के हैं। वह दिल्ली में कोचिंग लेते हुए रोबिन गैंग के सदस्यों से मिले थे। उसके बाद उनके साथ जुड़कर वह पेपर सॉल्वर गैंग के साथ काम करने लगे। सतीश की जहां अपनी लैब है वहीं अन्य में हिस्सा भी है।