कैथल, 31 जनवरी (हप्र)
पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रामपाल माजरा ने कहा कि भाजपा सरकार की पिछले छह माह में किसान व गरीब विरोधी नीतियों के विरोध में उन्होंने भाजपा को अलविदा कहा है। यहां किसानों की कोई सुनवाई नहीं हो रही। अपने निवास पर पत्रकार वार्ता में बोलते हुए माजरा ने कहा कि गणतंत्र दिवस पर जो हुआ, वह पूरे देश के लिए शर्मनाक है। जैसे ही इन तीन कानूनों से पहले अध्यादेश लाए गए थे, उसी समय प्रदेश के कई पूर्व विधायकों के साथ हमने पंचकूला में बैठक की थी। इसमें सभी ने सरकार से आग्रह किया था कि इन कानूनों को वापस लिया जाए। उन्होंने कहा कि मंडिया खत्म होने से से अकेले हरियाणा की मंडियों में 3 लाख लोग बेरोजगार हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि 26 जनवरी की घटना के लिए पूरी तरह से गृह मंत्रालय जिम्मेवार है। यदि मंत्रालय की खुफिया एजेंसियों, एनआईए जैसी एजेंसियों को इस बात की पहले से सूचना थी तो उन लोगों को क्यों नहीं रोका गया। उन्होंने आगे कहा कि अभय चौटाला ने अपनी पूर्व घोषणा के अनुसार इस्तीफा देकर सराहनीय कार्य किया है। वे भी अब दिल्ली बॉर्डर पर जाकर किसानों के आंदोलन में भाग लेेंगे।