गोहाना, 2 जून (निस)
अप्रैल के महीने में एग्रीकल्चर फीडर की बिजली सप्लाई में की गई 3 घंटे की कटौती को अब तक बहाल नहीं किया गया है। बिजली की पर्याप्त सप्लाई न देने से गर्मी में सूखे के कारण किसानों की फसलें सूखने लगी हैं। बृहस्पतिवार को गांव छिछड़ाना के ग्रामीणों ने भाकियू के बैनर तले प्रदर्शन करके रोष व्यक्त किया और पूरी 8 घंटे बिजली सप्लाई देने की मांग की। प्रदर्शन का नेतृत्व भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) की कथूरा खंड इकाई के अध्यक्ष कृष्ण मलिक का रहा। कृष्ण मलिक ने कहा कि बिजली निगम द्वारा एग्रीकल्चर फीडर की 8 घंटे सप्लाई देने का पुराना नियम है। लेकिन अप्रैल के महीने के बाद निगम द्वारा मात्र 5 घंटे बिजली सप्लाई दी जा रही है। बिजली निगम द्वारा 3 घंटे की कटौती 1 अप्रैल से की गई थी, ताकि शार्ट-सर्किट से खेतों में गेहूं की फसल में आगजनी की घटनाएं-घटित न हों।
ग्रामीण बिजेंद्र, जय सिंह, भोला और चांद फौजी ने बताया कि दो महीने बीतने के बाद भी निगम द्वारा बिजली की 8 घंटे सप्लाई को दोबारा से बहाल नहीं किया गया है। किसानों के अनुसार अब बिजली निगम द्वारा प्रात: 4 बजे से प्रातः 9 बजे तक एग्रीकल्चर फीडर की बिजली सप्लाई दी जा रही है। संदीप, परमजीत और सोनू ने कहा कि बिजली द्वारा पहले की तरह एग्रीकल्चर फीडर की 8 घंटे बिजली सप्लाई दी जाए। बिजली सप्लाई का समय प्रातः 10 बजे से सायं 5 बजे तक निर्धारित किया जाए।
सूखने लगी धान की नर्सरी और फसलें
किसानों का कहना है कि गोहाना क्षेत्र में सबसे ज्यादा किसान गन्ने की फसल उगाते हैं। काफी किसानों द्वारा ज्वार और सब्जियों की फसलें भी उगा रखी हैं। एग्रीकल्चर फीडर की 5 घंटे बिजली सप्लाई से तपती गर्मी में ट्यूबवेल द्वारा एक एकड़ गन्ने के खेत की सिंचाई भी नहीं हो पाती है। ऐसे में सूखे के चलते फसलें सूखने लगी हैं। किसानों के अनुसार धान की नर्सरी में भी शाम के समय पानी देना उचित रहता है। दिन के समय धूप में पानी गर्म होने से धान की नर्सरी सूख जाती है।