हरेंद्र रापड़िया/हप्र
सोनीपत, 31 जनवरी
सोनीपत पुलिस ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के 3 हैंडलर को एनएच-44 पर भिगान टोल प्लाजा से गिरफ्तार किया है। इनमें एक दंपति है। तीनों फर्जी पासपोर्ट बनवाकर विदेश भागने के लिए दिल्ली एयरपोर्ट जा रहे थे। तीनों हैंडलर पंजाब के रहने वाले हैं और पाकिस्तान में आतंकी आकाओं के संपर्क में थे। पाक से मिले निर्देश के बाद इन्होंने नगरोटा आर्मी कैंप पर हमले के आरोपित आतंकियों को टेरर फंडिंग भी की थी।
सोनीपत पुलिस को जम्मू-कश्मीर पुलिस से सूचना मिली थी कि जैश-ए-मोहम्मद के 3 हैंडलर निजी वाहन से सोनीपत से गुजरेंगे। सोनीपत पुलिस को तीनों के फोटो भी भेजे गए थे। इस पर सोनीपत पुलिस तुरंत हरकत में आई और इनपुट के आधार पर भिगान टोल प्लाजा पर नाका लगाकर उनकी कार को घेर लिया। कार से एक महिला और 2 युवकों को गिरफ्तार किया गया। इनकी पहचान पंजाब के तरनतारन के रहने वाले रवि, उसकी पत्नी वरिंदर कौर और उसके साथी चंडीगढ़ के रहने वाले कणव के रूप में हुई। तलाशी के दौरान इनके पास से फतेहाबाद से तैयार कराए गए फर्जी पासपोर्ट बरामद किए गए। इसकी सूचना जम्मू-कश्मीर पुलिस के दिल्ली मुख्यालय को दी गई। जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीएसपी संदीप भट्ट अपनी टीम के साथ सोनीपत पहुंचे। तीनों हैंडलर को न्यायालय में पेश किया गया, वहां से राहदारी रिमांड पर लेकर तीनों को जम्मू ले जाया गया है।
पुलिस को थी तलाश
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 16 नवंबर को जम्मू-कश्मीर में 2 आतंकी मोहम्मद परवेज और उमर फारुख पकड़े गए थे। इनके पास से दो बैग से 15 लाख और 28 लाख रुपये बरामद किए गए थे। पुलिस पूछताछ में पता चला कि वह टेरर फंडिंग के आरोपित आशिक के लिए काम करते हैं। उसको यह रुपये अमृतसर में 15 नवंबर को अनजान हैंडलर ने दिए थे। पुलिस जांच में अनजान हैंडलर की पहचान रवि और उसकी पत्नी वरिंदर कौर के रूप में हुई थी।
नवंबर से था फोन ऑफ
नवंबर से ही रवि और उसकी पत्नी का मोबाइल स्विच ऑफ आ रहा था। इस बीच सीआईए को उनके कांटेक्ट में एक अन्य नंबर मिला। वह कणव का था। वह नंबर एनएच-44 पर दिल्ली की ओर मूवमेंट में था। उसको सर्विलांस पर लेकर पुलिस ने टोल प्लाजा पर तीनों आरोपितों को धर-दबोचा। आरोपितों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वह फर्जी पासपोर्ट पर दिल्ली एयरपोर्ट पर जा रहे थे। वहां से उनको विदेश की फ्लाइट पकड़नी थी।