Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

फिंगर प्रिंट डाटा की मदद से 6 हत्याओं सहित सुलझी 26 मामलों की गुत्थी

पिछले वर्ष अपलोड हुआ 54 हजार से अधिक फिंगर प्रिंट्स का डाटा
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement
ट्रिब्यून न्यूज सर्विसचंडीगढ़, 20 फरवरी

केंद्रीय गृह मंत्रालय के अंतर्गत नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो ने क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम (सीसीटीएनएस) की मासिक रिपोर्ट जारी की है। हरियाणा पुलिस ने मासिक रैंकिंग में 10वीं बार पहली पॉजिशन हासिल की है। इतना ही नहीं, साइबर हेल्पलाइन पर आने वाली कॉल अटैंड करने में भी हरियाणा पहले पायदान पर है। गृह मंत्रालय की ओर से इस उपलब्धि के लिए हरियाणा की सराहना की गई है।

Advertisement

इतना ही नहीं, स्टेट क्राइम रिकार्ड ब्यूरो (एससीआरबी) के ‘नेफिस’ सॉफ्टवेयर की मदद से पुलिस ने 26 आपराधिक मामलों की गुत्थी सुलझाई है। इनमें से 6 मर्डर के केस भी शामिल हैं। राज्य अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के डायरेक्टर शिवास कबिराज का कहना है कि सीसीटीएनएस को विकसित करने का उद्देश्य अपराध की जांच और अपराधियों की धरपकड़ के लिए व्यापक और एकीकृत प्रणाली विकसित करना है।

उन्होंने कहा कि पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) शत्रुजीत कपूर के अगस्त-2023 में पदभार संभालने के बाद से ब्यूरो में तकनीकी कार्यक्षमता बढ़ाने व कार्यप्रणाली में सुधार के लिए कई सकारात्मक बदलाव किए हैं। इन्हीं के नतीजे हैं कि पिछले 17 माह में 15 बार एनसीआरबी की मासिक रैकिंग में हरियाणा पुलिस प्रथम स्थान पर रही। केंद्र सरकार द्वारा जारी की जा रही इस मासिक रैंकिंग में विभिन्न मापदंडों पर प्रदेश पुलिस ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है।

हरियाणा पुलिस ने अगस्त व सितंबर-2024 में 99.99 प्रतिशत स्कोर के साथ देशभर में तीसरा स्थान प्राप्त किया था। अन्य माह में हरियाणा पुलिस ने शत-प्रतिशत अंक प्राप्त किए। वर्तमान में सीसीटीएनएस के माध्यम से प्रदेश पुलिस द्वारा प्राथमिकी पंजीकरण, गैर संज्ञेय रिपोर्ट, मेडिको लीगल केस, गुमशुदा व्यक्ति, खोई हुई संपत्ति, लापता मवेशी, विदेशी पंजीकरण, सी-फार्म, लावारिस/परित्यक्त संपत्ति, अज्ञात/पाया व्यक्ति, निवारक कार्यवाही, पर्यवेक्षण रिपोर्ट/प्रगति का पंजीकरण, अज्ञात मृत शरीर/अस्वाभाविक मृत्यु पंजीकरण, अनुसंधान संबंधी कार्य, शिकायतों के पंजीकरण, डेटाबैंक सेवाएं आदि कार्य किए जा रहे हैं।

बन रहा क्रिमिनल का डाटाबेस

शिवास कबिराज ने बताया कि सीसीटीएनएस का प्रयोग पुलिस की तरफ से अपराध व अपराधियों का डाटाबेस तैयार करने के लिए किया जा रहा है। स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा संचालित ‘नेफिस’ सॉफ्टवेयर में पिछले वर्ष 54 हजार 405 फिंगर प्रिंट का डाटा अपलोड किया गया। गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों व अनजान शवों के डाटा से साथ मिलान किया गया। अपलोड किए गए इन फिंगर प्रिंटस में से 25 हजार 400 फिंगर प्रिंट स्लिप नेफिस के रिकॉर्ड से मैच हो गई, जिनका पहले से आपराधिक रिकॉर्ड रहा है।

क्राइम सीन से लिए चांस प्रिंट

2024 में क्राइम सीन से 2 हजार 392 चांस प्रिंट (वारदात वाले स्थान से उठाए जाने वाले नमूने) उठाये गए। इनमें से 916 चांस प्रिंट का डॉटा सफलतापूर्वक अपलोड करके उन्हें ‘नेफिस’ पर वेरीफाई किया गया। नेफिस सिस्टम के बारे में पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षित करने के लिए हरियाणा पुलिस द्वारा 46 वर्कशॉप आयोजित की गई। अब तक नेफिस सिस्टम की सहायता से 16 अज्ञात शवों की पहचान भी की है। इनका आपराधिक रिकॉर्ड रहा है। 2024 में नेफिस सॉफ्टवेयर के माध्यम से 26 मामले सुलझाए गए। इनमें 6 मर्डर केस शामिल थे।

एफआईआर का डाटा हो रहा अपलोड

प्रदेश के सभी पुलिस थानों को सीसीटीएनएस से जोड़ा जा चुका है। वर्तमान में सीसीटीएनएस द्वारा ही एफआईआर लिखी जा रही है। प्रदेश में नेशनल साइबर हेल्प लाइन 1930 का स्कोर प्रगति डैशबोर्ड पर 100 प्रतिशत रहा है। इसका मतलब यह है कि प्रदेश पुलिस द्वारा साइबर हेल्प लाइन नंबर पर प्राप्त होने वाली शिकायतों पर त्वरित एवं प्रभावशाली कार्यवाही की जा रही है।

Advertisement
×