ट्रेंडिंगमुख्य समाचारदेशविदेशखेलबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाफीचरसंपादकीयआपकी रायटिप्पणी

5 लोगों को जीवनदान दे गया 24 साल का शुभम

ललित शर्मा/हप्र कैथल, 12 मई कैथल का 24 वर्षीय शुभम अब इस दुनिया में नहीं हैं। शुभम के परिजनों ने अंगदान के माध्यम से पांच लोगों को नया जीवनदान दिया है। शुभम को ब्रेन डेड घोषित करने के बाद उसके...
शुभम
Advertisement

ललित शर्मा/हप्र

कैथल, 12 मई

Advertisement

कैथल का 24 वर्षीय शुभम अब इस दुनिया में नहीं हैं। शुभम के परिजनों ने अंगदान के माध्यम से पांच लोगों को नया जीवनदान दिया है। शुभम को ब्रेन डेड घोषित करने के बाद उसके परिवार ने अंगदान का निर्णय लिया। पीजीआई ने इसके लिए शुभम के परिवार को सलाम किया। एक सड़क दुर्घटना में परिवार ने अपने 24 वर्षीय बेटे को खो दिया था। शुभम कैथल के गांव पट्टी अफगान का रहने वाला था।

पीजीआईएमईआर के चिकित्सा अधीक्षक और रोटो (उत्तर) के नोडल अधिकारी प्रोफेसर विपिन कौशल ने बताया कि परिवार की सहमति मिलने के बाद शुभम के लिवर, किडनी, अग्नाशय और कॉर्निया को सुरक्षित कर लिया। क्रॉस-मैचिंग में पीजीआई में लिवर

के लिए कोई मिलान प्राप्तकर्ता नहीं हुआ।

इसके बाद मिलान प्राप्तकर्ताओं के लिए विकल्प तलाशने के लिए तुरंत अन्य प्रत्यारोपण अस्पतालों से संपर्क किया और आखिरकार, लिवर को आईएलबीएस नयी दिल्ली में भर्ती एक 34 वर्षीय महिला मिलान प्राप्तकर्ता को आवंटित किया गया। पीजीआई में 39 और 34 वर्षीय दो मरीजों में किडनी प्रत्यारोपित की गई। शुभम से प्राप्त कॉर्निया ने दो और कॉर्निया अंधे रोगियों की दृष्टि बहाल कर दी। इस तरह दाता शुभम के परिवार द्वारा अंग दान के उदार निर्णय से पांच जिंदगियां प्रभावित हुई हैं।

पीजीआई के डायरेक्टर ने परिवार का जताया आभार

पीजीआई के डायरेक्टर डॉ. विवेक लाल ने शुभम के परिवार का निर्णय अंगदान कार्यक्रमों के लिए आत्मविश्वास जगाता है। उन्होंने शुभम के बहादुर परिवार का आभार भी जताया। शुभम के पिता वज़ीर सिंह ने कहा कि शुभम स्वाभाविक रूप से दयालु और दान करने वाला था। हम अंगदान के बारे में बहुत कम जानते थे, लेकिन जब हमें पता लगा कि हमारे बेटे के अंगों से दूसरे मरीज को नयी जिंदगी मिल सकती है तो हम इसके लिए तैयार हो गए।

18 वर्षीय प्रीत दे गई चार लोगों को नया जीवन

पंचकूला (हप्र) : हरियाणा की 18 वर्षीय प्रीत अपने आकस्मिक निधन के बाद गंभीर रूप से बीमार चार मरीजों को नयी जिंदगी दे गई। उदारता और करुणा का मार्मिक प्रदर्शन करते हुए, प्रीत के माता-पिता जोगिंदर पाल सिंह और पिंकी रानी ने अपनी प्यारी बेटी के अंगों को दान करने का फैसला किया। 29 अप्रैल को एक दुर्घटना में गंभीर रूप से हुए घायल जींद की प्रीत को कल अल्केमिस्ट अस्पताल, पंचकूला में ब्रेन डेड घोषित किया गया था। दान किए गए अंगों को हार्वेस्ट किया गया और लीवर को मैक्स अस्पताल साकेत भेजा गया। पैंक्रियाज और एक किडनी को पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ भेजा गया और एक किडनी अल्केमिस्ट अस्पताल, पंचकूला में एक गंभीर किडनी फेलियर रोगी को दान की गई। अंगों के ट्रांसपोर्टेशन के लिए रविवार को अल्केमिस्ट अस्पताल, पंचकूला से मैक्स अस्पताल साकेत और पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ के बीच ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। इस बीच, अल्केमिस्ट हॉस्पिटल, पंचकूला में किडनी ट्रांसप्लांट के एसोसिएट डायरेक्टर डॉ. नीरज गोयल ने मरीजों के स्वास्थ्य और जीवन शक्ति को बहाल करने में ऑर्गन ट्रांसप्लांटेशन के महत्व पर जोर दिया। डायरेक्टर जनरल ऑफ हेल्थ सर्विस (डीजीएचएस) डॉ. रणदीप सिंह पुनिया ने अंगदान के लाइफ सेविंग महत्व पर जोर देते हुए प्रीत के माता-पिता की नेक काम के लिए सराहना की। सिविल सर्जन डॉ. मुक्ता ने भी परिवार के फैसले के लिए गहरा आभार व्यक्त किया।

Advertisement