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गांव काकौत की लाइब्रेरी में पढ़कर 23 युवाओं ने हासिल की सरकारी नौकरी

कोरोनाकाल में शुरू हुई लाइब्रेरी, लोग आते गए, कारवां बनता गया...
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कैथल के काकौत गांव में बने शहीद भगत सिंह पुस्तकालय में पढ़ते युवा।-हप्र
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दैनिक ट्रिब्यून खास

ललित शर्मा/हप्र

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कैथल, 18 अक्तूबर

प्रदेश सरकार द्वारा जारी 25 हजारी लिस्ट में गांव काकौत के 23 युवा भी शामिल हैं। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने चुनाव से पहले ही 25 हजार युवाओं को नौकरी देने का आश्वासन दिया था, शुक्रवार को ऐसे युवाओं की लिस्ट भी जारी कर दी। गांव काकौत के 25 युवाओं की किस्मत ऐसे ही नहीं खुली। इस उपलब्धि के लिए गांव के समाज सेवी लोगों का अहम योगदान है, जिन्होंने कोरोनाकाल में गांव में ही एक पुस्तकालय खोलने की ठानी। थोड़ा बहुत पैसा एकत्रित हुआ और पुस्तकालय खुला। आज गांव के युवक-युवतियां इस फ्री लाइब्रेरी में शिक्षा अध्ययन कर 24 सरकारी नौकरियों में अपना स्थान पाने में कामयाब रहे हैं। गांव में खुशी का माहौल है और अन्य नौजवानों के लिए उम्मीद भी जगी है। एसडीएम डाॅ. सुभाष चंद, मध्य-प्रदेश हाईकोर्ट में चीफ जस्ट्सि सुरेश कुमार कैत काकौत के हैं।

जानकारी के अनुसार, कोरोनाकाल में जब लाॅक डाउन था। गांव के राहुल, मोहित व समाजसेवी संदीप और बीरभान को विचार आया कि युवाओं को मोबाइल की लत से बचाने के लिए उन्हें ऐसे रास्ते पर लाया जाए जो भविष्य में उनकी रोजी-रोटी का जरिया बन सके। इसके लिए गांव की मुख्य चौपाल का स्थान तय किया गया और एक लाइब्रेरी बनाने का विचार किया गया। उन्होंने अपनी जेब से कुछ पैसे दिए और उसके बाद ‘कारवां’ बनता गया। गांव में सरकारी नौकरी पर लगने वाले लोग इस पुस्तकालय में पुस्तकों का योगदान देने लगे हैं।

गांव के युवा अजय, विजय और अंकित का मानना है कि लाइब्रेरी गांव के बच्चों और अन्य युवाओं के लिए शिक्षा और ज्ञान का एक प्रमुख स्रोत बन गयी। गांव में लाइब्रेरी न होने के कारण छात्रों को पढ़ाई में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था, लेकिन अब इस लाइब्रेरी के बनने से बच्चों को किताबें, अखबार, और इंटरनेट की सुविधा प्राप्त हो रही है। अब हम मेहनत करके अपनी जगह बना सकते हैं। नौकरियों में पारदर्शिता ने भ्रष्टाचार को कम किया है। पारदर्शी प्रक्रिया से योग्य उम्मीदवारों को सही समय पर अवसर मिल रहे हैं।

लाइब्रेरी में पहुंचे युवाओं का कहना था कि कोरोनाकाल में शहर की लाइब्रेरी जाने के रास्ते बंद हुए तो संदीप, बीरभान, राहुल और मोहित की मदद से गांव की चौपाल में कुछ पुस्तकें रखी गई। बच्चों की रूचि पढ़ाई में हुई और भाजपा सरकार की बिना पर्ची-बिना खर्ची के नौकरियों की शुरूआत हुई तो युवाओं को नौकरी मिलने लगी।

नौकरी मिलने के बाद गांव की चौपाल में शहीद भगत सिंह पुस्तकालय खोल दिया गया। जैसे-जैसे अगली नौकरियों की भर्ती होती गई तो लाइब्रेरी का प्रारूप भी बढ़ता गया। हर नौकरी पर लगने वाला युवा लाइब्रेरी में सहयोग के लिए तैयार रहता है। अब गांव में दो-दो लाइब्रेरी हो गई।

नए नौकरी लगे युवाओं का कहना है कि वे भी अपने अनुजों के लिए पुस्तकों व अन्य सुविधाओं की सहायत जरूर करेंगे, ताकि हमारे गांव के अन्य लोगों को भी सरकारी नौकरी मिल सके।

इंटरनेट और एसी की सुविधा

शहीद भगत सिंह पुस्तकालय में पुस्तकों, फर्नीचर और कंप्यूटर की व्यवस्था की जाएगी। इंटरनेट की सुविधा है। यह एयरकंडिशन लाइब्रेरी है। इनवर्टर की सुविधा है। यह पहल गांव में शिक्षा का स्तर बढ़ाएगी, बल्कि अन्य ग्रामीण क्षेत्रों के लिए भी एक प्रेरणा का स्रोत बनेगी।

शिक्षा देने के साथ खोले रोजगार के द्वार

इस लाईब्रेरी में पढ़कर वर्ष-2016, 2018, 2010, 2020 और 2021 में कई युवा नौकरी पर लगे तो उन्हें लाइब्रेरी का महत्व समझ में आया। इसके बाद सभी ने मिलकर ग्राम पंचायत के सहयोग से गांव काकौत की चौपाल में एक लाइब्रेरी बना दी। इस लाइब्रेरी के लिए पहले तो नौकरी कर रहे लोगों ने सहयोग किया। इसके बाद जो भी युवा गांव में बनाई शहीद भगत सिंह लाइब्रेरी में पढ़ता वह भी लाइब्रेरी में सहयोग करना अपना कर्तव्य समझता। गांव के युवाओं की पढ़ने में ऐसी रूचि बनी कि कई युवाओं की सरकारी नौकरी में भर्ती होने लगी। वर्ष-2022, 2023 में भी गांव काकौत के कई युवा नौकरी लगे। 2024 में बिजली निगम, स्टाफ नर्स की भर्ती में दर्जनों युवाओं को रोजगार मिला। पिछले दिनों ग्रुप डी में 15 युवाओं को नौकरी मिली और अब हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन के रिजल्ट में इसी गांव काकौत के 23 युवाओं को रोजगार मिला है।

'' पारदर्शिता के चलते युवाओं का विश्वास सरकारी नौकरियों में बढ़ा है और वे मेहनत और काबिलियत के दम पर पाने के लिए अधिक प्रेरित महसूस कर रहे हैं। हमारे गांव का युवा अब गलियों में ताश खेलने की बजाय चौपाल में बनी लाइब्रेरी में समय व्यतीत करके अपने भविष्य का निर्माण कर रहा है। '' -कर्ण सिंह, सरपंच, काकाैत

'' लाइब्रेरियों ने न केवल शिक्षा की राह खोली है बल्कि नौकरियों के रास्ते भी खोले हैं। सरकार की बिना पर्ची-बिना खर्ची के नौकरियों के परिणाम आने के बाद युवाओं का लाइब्रेरियों की तरफ रूझान बढ़ा है। डींग गांव के 55, काकौत के 23 व क्योड़क के 22 युवाओं को सरकारी नौकरी के लिए चयन हुआ है। ऐसे बहुत से गांव है जिन गांवों में युवाओं को नौकरी मिली है। '' -डाॅ. मनोज कुमार भाम्बू, वरिष्ठ पुस्तकाध्यक्ष राजकीय स्वामी विवेकानंद जिला पुस्तकालय, कैथल

डींग के 55 युवाओं को मिली नौकरी

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी द्वारा शपथ लेने के बाद जारी किए गए हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन के रिजल्ट में कैथल के गांव डीग के 55 युवाओं को सरकारी नौकरी मिली है। एचएसएससी चेयरमैन हिम्मत सिंह गांव के सरपंच रोहताश को फोन कर बधाई दी है।

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