चंडीगढ़, 29 जुलाई (ट्रिन्यू)
केंद्र की मोदी सरकार के अभी तक के कार्यकाल में निकली नौकरियों के लिए लगभग 22 करोड़ लोगों ने आवेदन किया है। इनमें से महज 7 लाख ही लोगों को रोजगार मिला है। आवेदन के मुकाबले नौकरी मिलने की संख्या एक प्रतिशत भी नहीं है। यह कहना है राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा का। उन्होंने कहा कि खुद प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने संसद में यह बात स्वीकार की है।
दीपेंद्र ने कहा कि भाजपा सरकार की गलत नीतियों के चलते देश में बेरोजगारों की फौज खड़ी हो गई है। भाजपा पर तंज कसते हुए दीपेंद्र ने कहा, वादा तो हर साल दो करोड़ नौकरियां का किया था। अब सरकार के आंकड़ों से ही स्पष्ट है कि हर साल एक लाख लोगों को भी रोजगार नहीं मिल पाया। दीपेंद्र ने कहा कि 22 करोड़ युवाओं द्वारा आवेदन करने का मतलब है कि हिंदुस्तान में 44 करोड़ हाथों के पास काम नहीं है। अगर देश के 44 करोड़ करोड़ हाथों के पास काम ही नहीं है तो देश आगे कैसे बढ़ेगा।
दीपेंद्र ने कहा कि देश में बेरोजगारी के हालात विस्फोटक हैं, लेकिन सरकार बेरोजगारी जैसे अतिमहत्त्वपूर्ण विषय पर चर्चा तक कराने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि बिना चर्चा और विचार-विमर्श के सरकार ने अग्निपथ योजना लागू कर दी। अब सरकार संसद में इस पर चर्चा की मांग भी नहीं मान रही है। उन्होंने शुक्रवार को फिर राज्यसभा में नियम-267 के तहत कार्य-स्थगन प्रस्ताव दिया था, जिसे सभापति ने अस्वीकार कर दिया।
उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना से पूरे देश के युवाओं में अपने भविष्य को लेकर भ्रम और चिंता की स्थिति है और उनमें काफी रोष है।
उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना तुरंत रद्द कर सरकार देश के युवाओं से माफी मांगे और और सेना में खाली पड़े अधिकारी व गैर-अधिकारी वर्ग के करीब 2 लाख पदों पर 3 साल से बंद पड़ी भर्ती को खोले। दीपेंद्र ने कहा कि संसद में और संसद के बाहर युवाओं के हक और अधिकार के लिए उनकी लड़ाई जारी रहेगी।