पीएमएवाई-यू 2.0 की बैठक में 2,198 लाभार्थियों को मिली मंज़ूरी
बैठक में लाभार्थी-आधारित निर्माण (बीएलसी) वर्टिकल के तहत 2,198 पात्र लाभार्थियों को मंज़ूरी दी गई। इस निर्णय से प्रदेश के 50 शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) में रहने वाले परिवारों को सीधा लाभ पहुंचेगा। उन्हें पक्का, सुरक्षित और मौसम अनुकूल घर बनाने में मदद मिलेगी। बैठक में सभी के लिए आवास विभाग के महानिदेशक एवं सचिव जे़ गणेशन ने जानकारी दी कि बीएलसी वर्टिकल के तहत प्रत्येक लाभार्थी को 2.50 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि इसमें से 1.50 लाख रुपये केंद्र सरकार की ओर से दिए जाएंगे और एक लाख की मदद राज्य सरकार करेगी। इस वित्तीय मदद से लोग 30 से 45 वर्ग मीटर तक कार्पेट एरिया वाले घर बना सकेंगे। इन टिकाऊ मकानों से शहरी परिवारों के जीवन स्तर में उल्लेखनीय सुधार होगा। बैठक में यह भी समीक्षा की गई कि मुख्यमंत्री शहरी आवास योजना (एमएमएसएवाई) को पीएमएवाई-यू 2.0 के साथ सफलतापूर्वक जोड़ा गया है।
इस योजना के अंतर्गत आवंटित एक मरला प्लॉटों के 15,256 लाभार्थियों को भी केंद्रीय आवासन एवं शहरी मामले मंत्रालय से मंजूरी मिल गई है। अब इन परिवारों को अपने घरों के निर्माण हेतु 2.50 लाख रुपये की केंद्रीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने कहा कि ये स्वीकृतियां प्रदेश सरकार के सार्वभौमिक आवास के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में बेहद अहम हैं।
उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य के संयुक्त प्रयासों से हज़ारों परिवारों को न केवल पक्की छत मिलेगी, बल्कि उनके सामाजिक-आर्थिक जीवन में भी स्थिरता आएगी। बैठक में पर्यावरण, वन एवं वन्यजीव विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल, नगर एवं ग्राम आयोजना तथा शहरी संपदा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एके सिंह, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के आयुक्त एवं सचिव विकास गुप्ता, सभी के लिए आवास विभाग के आयुक्त एवं सचिव मोहम्मद शाइन सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।