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19 साल में 2 निजाम बदले, नहीं बदली भगवान वामन की अवतार स्थली की तकदीर

बजट 3 करोड़ से बढ़कर हो गया 18 करोड़
अम्बाला शहर में अधूरे पड़े भगवान वामन के मंदिर व नौरंगराय सरोवर के चित्र। -हप्र
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जितेंद्र अग्रवाल/हप्र

अम्बाला शहर, 22 अगस्त

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कस्में वादे प्यार वफा सब... देते हैं भगवान को धोखा इंसां को क्या छोड़ेंगे, यह फिल्मी गीत अम्बाला शहर में भगवान वामन की अवतार स्थली बनवाने का वायदा करते आए राजनेताओं पर एक दम खरा उतरता दिखाई दे रहा है। पिछले 19 वर्ष में प्रदेश के 2 मुख्यमंत्री रहे, अम्बाला शहर हलके को 2 हेवीवेट विधायक भी मिले। बावजूद इसके शहर के नवरंग राय सरोवर परिसर में दुर्ग्याना मंदिर की तर्ज पर भव्य भगवान वामन की अवतार स्थली नहीं बन पा रही है। दरअसल उत्तर भारत के अम्बाला शहर में ही 3 दिवसीय प्रदेश स्तरीय भगवान वामन द्वादसी उत्सव का आयोजन पिछले करीब 140 साल से तो सनातन धर्म सभी ही करती आ रही है। नवरंग राय सरोवर में ही भगवान वामन के 5 स्वरूपों को हिंडोलों में जलविहार करवाकर उत्सव को संपन्न किया जाता है। इस वर्ष यह उत्सव 24 से 26 सितंबर तक आयोजित किया जाना है।

श्रद्धा और आस्था के प्रतीक नौरंगराय तालाब की महत्ता को देखते हुए इसके जीर्णोद्धार के लिए मुख्यमंत्री ने 2015 में घोषणा की थी। इसके लिए उन्होंने 3 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की थी लेकिन यह काम पूरा नहीं हो पाया। स्थानीय विधायक असीम गोयल ने इसको तीर्थ स्थली के रूप में विकसित करने की ठानी और बजट बढ़कर 12 करोड़ खर्च हो गया किंतु न तो मंदिर का कहीं कोई स्वरूप नजर आया और न ही भव्यता का। 2016-17 में जीर्णोद्धार का काम प्रारंभ हुआ जिसे 2019 में पूरा हो जाना था, जो पूरा नहीं हो पाया। करीब 12 करोड़ रुपया खर्च भी किया जा चुका है लेकिन अभी मंदिर के निर्माण के लिए मात्र प्लेटफार्म बनाए जाने के बाद से काम बंद पड़ा है।

प्रस्तावित योजना के अनुसार बजट उपलब्ध नहीं होने के कारण नवरंगराय सरोवर का प्रोजेक्ट अभी अधर में है। मुख्यमंत्री द्वारा पूरे प्रदेश की बड़े बजट की सभी योजनाओं पर रोक लगा देने के कारण भी परिस्थितियों में बदलाव आया। अब 3 अधिकारियों की समिति सारे मामले को देख रही है। बजट शीघ्र स्वीकृत होने की आशा है जिसके बाद तेजी से काम पूरा करवाया जाएगा।

-असीम गोयल, विधायक अम्बाला शहर

दुर्ग्याना मंदिर की तर्ज पर तैयार करने की योजना

इसको अमृतसर के दुर्ग्याना मंदिर की तर्ज पर भव्य रूप प्रदान करने की योजना आम जनता के सामने रखी गई थी। परिसर को आधुनिक रूप दिए जाने के साथ इस पर 10 द्वार बनने हैं। वामन भगवान के इतिहास को बताने के लिए लगभग 55 फुट ऊंची दीवार पर लाइट एंड साउंड शो का प्रोजेक्ट भी है।

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