कुमार मुकेश/हप्र
हिसार 23 जून
सोनीपत जिले के कुंडली स्थित मैडेन फार्मास्युटिकल की कफ सिरप से गांबिया में 66 बच्चों की मौत के बाद हुई जांच के दौरान खुलासा हुआ है कि कंपनी ने गांबिया में 4 तरह की दवा भेजी थी, जिनमें से दो दवा को बनाने की अनुमति मिलने से पहले ही निर्यात कर दी थी। यही नहीं बीएमआर (बैच निर्माण रिकॉर्ड) बनाने में भी काफी खामी मिली है और अन्य भी काफी अनियमितताएं पाई गई है।
यह मामला उजागर होने क बाद केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ)के दवा निरीक्षक संदीप कुमार, देवेंद्र प्रताप सिंह और पानीपत के एसडीसीओ राकेश दहिया की टीम ने मैडेन फार्मास्युटिकल का निरीक्षण किया था। निरीक्षण के दौरान यह खामियां मिली। निरीक्षण की यह रिपोर्ट दैनिक ट्रिब्यून के पास है।
रिपोर्ट के अनुसर कोफेक्समैलिन बैबी कफ सिरप और मैग्रिप एन कोल्ड सिरप का निर्यात पहले की कर दिया गया, जबकि इसे बनाने की अनुमति बाद में ली गई।
5 करोड़ रुपये में सैंपल बदलने का आरोप
इस मामले में पानीपत के एडवोकेट यशपाल ने पीएम मोदी को शिकायत भेजकर हरियाणा एफडीए के राज्य दवा नियंत्रक मनमोहन तनेजा पर कंपनी के मालिक से 5 करोड़ रुपये रिश्वत लेकर कफ सिरप के सैंपल बदलने का आरोप लगाया था। पीएमओ ने इसे हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव को यथोचित कार्रवाई के लिए भेज दिया है। एफडीए के उपराज्य दवा नियंत्रक ललित कुमार ने शिकायतकर्ता को जांच के लिए बुलाया, लेकिन वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ कनिष्ठ अधिकारी द्वारा जांच करने को बेमानी बतात हुए शिकायतकर्ता जांच में शामिल नहीं हुए। मामले में मनमोहन तनेजा से संपर्क किया और टैक्ट मैसेज किया, लेकिन उन्होंने अपना पक्ष नहीं रखा।