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1960 भाजपाइयों की सरकार और संगठन में एडजस्टमेंट

नगर निगमों, परिषदों व पालिकाओं में 192 नेता पार्षद मनोनीत
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दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू

चंडीगढ़, 10 जुलाई

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हरियाणा की नायब सरकार ने भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं की राजनीतिक पदों पर एडजस्टमेंट शुरू कर दी है। बीते कुछ रोज में भाजपा 1960 भाजपाइयों को सरकार और संगठन में एडजस्ट कर चुकी है। हालांकि अभी बड़ी तादाद में भाजपाइयों की राजनीतिक पदों पर ताजपोशी होनी बाकी है। मुख्य रूप से बोर्ड-निगमों की चेयरमैनी को लेकर भाजपा नेताओं व पदाधिकारियों में मारामारी है। बड़ी बात यह है कि सरकार व संगठन में एडजस्टमेंट से पहले भाजपा अपने स्थानीय नेताओं को विश्वास में ले रही है। सीधे ही चंडीगढ़ से लिस्ट जारी करने की बजाय पार्टी के सांसदों-विधायकों, लोकसभा व विधानसभा चुनाव लड़ चुके उम्मीदवारों, वरिष्ठ नेताओं, पदाधिकारियों के अलावा जिला प्रभारियों व जिलाध्यक्षों तक से विचार-विमर्श के बाद नामों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।

इस वजह से पदों के चाहवान केंद्र व हरियाणा के नेताओं के अलावा स्थानीय स्तर पर प्रभावी नेताओं के यहां भी लॉबिंग करने में जुटे हैं। नायब सरकार की यह कार्यशैली और राजनीतिक पदों पर एडजस्टमेंट का फार्मूला पार्टी नेताओं को पसंद भी आ रहा है। बुधवार की देर रात और बृहस्पतिवार को सुबह शहरी स्थानीय निकाय विभाग की ओर से नगर निगमों, नगर परिषदों व नगर पालिकाओं में मनोनीत पार्षदों की लिस्ट भी जारी कर दी।

आठ नगर निगमों में 24 नेताओं तथा नगर परिषदों और नगर पालिकाओं में 168 नेताओं को बतौर पार्षद मनोनीत किया है। निकाय विभाग के आयुक्त एवं सचिव विकास गुप्ता की ओर से पार्षदों के नाम का नोटिफिकेशन जारी किया है। इससे पहले सरकार प्रदेश के सभी 22 जिलों में ग्रीवेंस कमेटी के सदस्यों के नामों का ऐलान कर चुकी है। प्रदेश में यह पहली बार हुआ है, जब ग्रीवेंस कमेटियों को इतना भारी-भरकम स्वरूप दिया है। जिलों में 75 तक ग्रीवेंस कमेटी के सदस्य मनोनीत किए हैं।

प्रदेश के 22 जिलों में भाजपा के 1168 नेताओं को ग्रीवेंस कमेटियों में सदस्यों के रूप में एडजस्ट किया गया है। अहम बात यह है कि इन नियुक्तियों के जरिये भाजपा ने जहां सभी नब्बे हलकों को कवर करने की कोशिश की है, क्षेत्रीय और जातिगत समीकरण भी इन नियुक्तियों के जरिये साधे हैं। वहीं गत दिवस भाजपा के सभी 27 जिलाध्यक्षों द्वारा जिला कार्यकारिणी की घोषणा की गई। इनमें भी 600 से अधिक कार्यकर्ताओं को पद दिए हैं।

बोर्ड-निगमों में इसलिए मारामारी

प्रदेश में बोर्ड-निगमों की चेयरमैनी को लेकर सबसे अधिक मारामारी है। चेयरमैनी के लिए भाजपा के वरिष्ठ नेता व पदाधिकारी ही नहीं कई पूर्व मंत्री-विधायक व मौजूदा विधायक भी दौड़ में शामिल हैं। कई बोर्ड-निगम ऐसे भी हैं, जिनके चेयरमैन का दबदबा कैबिनेट और राज्य मंत्री के बराबर माना जाता है। ऐसे में मार्केटिंग बोर्ड, हाउसिंग बोर्ड, हैफेड, शुगरफैड, हरको बैंक सहित कई बोर्ड-निगमों में चेयरमैन लगने के लिए नेताओं ने एड़ी-चोटी का जोर लगाया हुआ है।

कई नये बोर्ड भी बनेंगे

भाजपा ने 2024 के विधानसभा चुनावों में जारी किए अपने ‘संकल्प-पत्र’ में वादा किया था कि प्रदेश की विभिन्न जातियों व वर्गों के लिए अलग से बोर्ड बनाए जाएंगे। पूर्व की हुड्डा सरकार के समय भी केश कला, माटी कला सहित कई बोर्ड बनाए गए थे। अब मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के निर्देशों के बाद सीएमओ के अधिकारी नये बोर्डों के गठन की प्रक्रिया शुरू कर चुके हैं। माना जा रहा है कि प्रदेश स्तर के इन बोर्ड-निगमों में 100 से भी अधिक नेताओं की एडजस्टमेंट हो सकेगी।

निगमों में बने ये पार्षद

भाजपा ने आठ नगर निगमों में कुल 24 नेताओं को बतौर पार्षद मनोनीत किया है। यमुनानगर निगम में उषा रानी, सीमा गुलाटी व सरदार हरभजन सिंह को पार्षद मनोनीत किया है। करनाल में गौरव नागपाल, उमेश परोचा व विनेश वर्मा तथा पानीपत निगम में धर्मबीर कश्यप, डॉ़ गौरव श्रीवास्तव व हिमांशु बंगा को पार्षद मनोनीत किया है। रोहतक में रमेश बोहर, अशोक कुमार वर्मा व अंकित गर्ग तथा फरीदाबाद निगम में योगेश शर्मा, प्रियंका बिष्ट व जसवंत सैनी, गुरुग्राम में सचिन देवतवाल, विक्रांत यादव व कृष्ण स्वामी, मानेसर में सतदेव शर्मा, किरोड़ी तंवर व शेर सिंह तथा हिसार निगम में सुरेश जांगड़ा, गंगा शर्मा व सुरजीत सैनी को पार्षद मनोनीत किया है।

72 परिषदों-पालिकाओं में नियुक्तियां

निकाय विभाग की ओर से जारी की गई दूसरी अधिसूचना में भाजपा के 168 नेताओं को पार्षद मनोनीत किया है। 22 जिलों की कुल 72 नगर परिषदों व नगर पालिकाओं में ये नियुक्तियां हुई हैं। निगमों, परिषदों व पालिकाओं में मनोनीत किए गए पार्षदों की टर्म संबंधित निकायों के कार्यकाल तक रहेगी। मनोनीत किए गए पार्षदों को वोटिंग के अधिकार नहीं होंगे लेकिन उन्हें सरकार की ओर से मासिक मानदेय दिया जाएगा।

नियुक्त होंगे लॉ अधिकारी

वहीं, एडवोकेट जनरल (एजी) ऑफिस में लॉ अधिकारियों की नियुक्ति प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है। एजी कार्यालय में 100 से अधिक लॉ अफसरों की नियुक्ति होगी। इनमें डिप्टी एडवोकेट जनरल, एडिशनल एडवोकेट जनरल व असिस्टेंट एडवोकेट जनरल के पद शामिल हैं। इन पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू किए कई दिन हो चुके हैं। बताते हैं कि यह प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है। हालांकि पिछले दिनों सरकार कुछ लॉ अधिकारियों के पदों पर नियुक्ति कर भी चुकी है।

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