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148 ‘महाग्राम’ होंगे विकसित, शहरों की तर्ज पर मिलेंगी सुविधाएं

हरियाणा के गांवों से पलायन रोकने की कवायद । 19 महाग्रामों में कार्य लगभग पूरा, 2027 तक 34 और गांव होंगे डेवलप
चित्रांकन : संदीप जोशी
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दिनेश भारद्वाज/ ट्रिन्यू

चंडीगढ़, 11 फरवरी

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हरियाणा में लोगों का गांवों से शहरों में पलायन रोकने के लिए राज्य की नायब सरकार ने ‘महाग्राम’ योजना पर काम तेज कर दिया है। महाग्राम यानी 10 हजार से अधिक आबादी वाले गांवों को शहरों की तर्ज पर सुविधाएं देने की स्कीम पूर्व की मनोहर सरकार के समय बनाई गयी थी। अब नायब सरकार ने इसे चरणबद्ध तरीके से सिरे चढ़ाने का खाका तैयार कर लिया है। 19 गांवों में पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट द्वारा जलापूर्ति व सीवरेज सुविधाओं के कार्य लगभग पूरे किए जा चुके हैं।

प्रदेश में 34 ऐसे महाग्राम हैं, जिनमें काम शुरू हो चुका है। इनमें दिसंबर 2027 तक जलापूर्ति और सीवरेज सुविधाएं मुहैया करवाने का लक्ष्य है। इस योजना के तहत विकास एवं पंचायत, पीडब्ल्यूडी, बिजली, सिंचाई व मार्केटिंग बोर्ड आदि विभागों को भी जोड़ा गया है। शहरों की तर्ज पर जलापूर्ति और सीवरेज सिस्टम के अलावा इन गांवों में पार्क, स्ट्रीट लाइट, तालाब सहित दूसरी सुविधाएं भी होंगी।

पहले प्रदेशभर के विभिन्न जिलों के 129 गांवों को इस योजना के तहत चिह्नित किया गया था। इसके बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने योजना से जुड़े नियमों में थोड़ा बदलाव करते हुए इसमें 19 और गांव शामिल किए। ये ऐसे गांव हैं, जिनकी आबादी 1696 से लेकर 9 हजार 994 तक है। इनमें कई गांव ऐसे हैं, जो पहले ही कस्बे का रूप ले चुके हैं। वहीं कुछ गांव ऐसे हैं, जो शहरों के साथ पूरी तरह से कनेक्ट हैं। ऐसे में इनमें भी सीवेरज सुविधा देने का निर्णय लिया गया है।

ये सुविधाएं भी मिलेंगी : सरकार ने तय किया है कि महाग्राम योजना के अंतर्गत आने वाले गांवों में जगह उपलब्ध होने पर पार्क विकसित किए जाएंगे। यह काम ग्राम पंचायतों को सौंपा जाएगा। सभी सड़कें पक्की होंगी और उनके साथ नालियां होंगी। ड्रेनेज का पूरा सिस्टम विकसित होगा। स्ट्रीट लाइट के अलावा इन गांवों की सड़क कनेक्टिविटी भी बेहतर की जाएगी।

गरीबों को 50-50 गज के प्लाट : यहां बता दें कि नायब सरकार ने गरीब परिवारों को महाग्रामों में 50-50 वर्ग गज के प्लाट देने का भी वादा किया है। मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत उन परिवारों को प्लाट मिलेंगे, जिनके पास खुद का घर नहीं है और जिनकी सालाना आय 1 लाख 80 हजार रुपये से कम है। इसके लिए सर्वे भी शुरू किया जा चुका है। सरकार के पास आवेदन करने वाले परिवारों की वेरिफिकेशन करवाई जा रही है।

ये नये गांव हुए शामिल : मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की विशेष अनुमति के बाद योजना में जोड़े गये 19 गांवों में फरीदाबाद का सोतई, गुरुग्राम का नाहरपुर व जमालपुर, यमुनानगर का सरस्वती नगर (मुस्तफाबाद), करनाल का कुटेल, कैमला, निगदू, बारागांव व संघोवा, पलवल का खम्बई, पानीपत का कुकराना व सौंधपुर, दादरी का बाढड़ा, सोनीपत का खेवरा, नूंह का उजीना, अम्बाला का बरवाला, मुलाना व शहजादपुर तथा यमुनानगर का प्रताप नगर शामिल हैं।

135 लीटर प्रति व्यक्ति पानी : महाग्राम योजना में शहरों की तर्ज पर प्रतिदिन प्रति व्यक्ति 135 लीटर पानी उपलब्ध करवाया जाएगा। शहरों की तरह ही इन गांवों के लोगों को पानी व सीवरेज के कनेक्शन मुहैया करवाए जाएंगे। गांवों में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) भी स्थापित किए जाएंगे। भविष्य में ट्रीटेड (उपचारित) वाटर को खेती व बागवानी सहित निर्माण आदि कार्यों में इस्तेमाल किया जाएगा।

 

''हरियाणा के 148 गांवों को महाग्राम योजना के अंतर्गत चिह्नित किया गया है। इनमें शहरों की तर्ज पर चरणबद्ध तरीके से जलापूर्ति व सीवरेज सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। 19 महाग्रामों में कार्य लगभग पूरा हो चुका है या अंतिम चरण में है। 34 गांवों में यह सुविधा दिसंबर 2027 तक मुहैया करवाने का लक्ष्य रखा है। अन्य मूलभूत सुविधाएं भी इन गांवों में शहरों की तर्ज पर ही लोगों को मिलेंगी। '' - रणबीर सिंह गंगवा, पब्लिक हेल्थ मंत्री

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