कुमार मुकेश/हप्र
हिसार, 14 मार्च
हिसार में जाम की सबसे बड़ी समस्या को दूर करने के लिए करीब 6 साल पहले सीएम मनोहर लाल ने मल्टी स्टोरी पार्किंग बनाने की घोषणा की थी, लेकिन करीब साढ़े 14 करोड़ रुपए की राशि खर्च करने के बावजूद धरातल पर अभी तक कुछ नहीं है।
मामले के अनुसार हिसार की सबसे पुराने राजगुरु मार्केट में और इसके आसपास वाहनों को खड़ा करने के लिए पार्किंग नहीं है। यहां पर इतने वाहन हो जाते हैं कि व्यापारियों के वाहनों से ही मार्केट इतनी भर जाती है कि आम लोग यहां खरीदारी करने से ही डरते हैं। जो आते हैं, वो मुख्य मार्ग के साथ गाड़ियां खड़ी कर देते हैं। मार्केट की सड़क के बीच में पार्किंग की व्यवस्था की गई है, लेकिन इसके कारण स्थिति इतनी ज्यादा खराब हो चुकी है कि मोटरसाइकिल से भी मार्केट में जाना मुश्किल है। इस वजह से शहर में जाम की बात आम हो गई है। इसी समस्या को गंभीरता से लेते हुए दिसंबर 2014 में सीएम मनोहर लाल ने शहर थाने के सामने खाली पड़ी जमीन पर मल्टी स्टोरी पार्किंग बनाने की घोषणा की थी। इसके बाद इस प्रोजेक्ट पर जब काम शुरु हुआ तो पता चला कि यह जमीन राजकीय पशुधन फार्म (जीएलएफ) की है। इसके बाद इस जमीन को नगर निगम को स्थानांतरित करने की प्रक्रिया चली तो जीएलएफ ने इसके लिए रुपयों की मांग की। इसके बाद 2 एकड़, 1 कनाल और 12 मरले जमीन के लिए नगर निगम ने जीएलएफ को 14 करोड़, 37 लाख और 48 हजार रुपए का भुगतान किया। इसके अलावा राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान कुरुक्षेत्र (एनआइटी) के टेक्निकल एक्सपर्ट टीम को इस प्राजेक्ट पर सर्वे करने के लिए करीब 11 लाख रुपए प्रोजेक्ट दिया। अब इस प्रोजेक्ट के निर्माण पर पुरातत्व विभाग ने आपत्ति जता दी है।
कोरोना का पड़ा असर सरकार ने रोकी ग्रांट
पार्किंग को पहले सरकार से ग्रांट लेकर बनाना था, लेकिन कोरोना महामारी के दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव की मौजूदगी में हुई सीएम घोषणाओं की रिव्यू बैठक के दौरान इसके लिए ग्रांट देने से मना कर दिया गया। इस बारे में यूएलबी (शहरी स्थानीय निकाय) ने डीसी और निगम कमिश्नर को 31 अगस्त, 2020 को पत्र भेजकर मल्टी स्टोरी पार्किंग प्रोजेक्ट पर सरकार के फैसले से अवगत करवाया है। यूएलबी के पत्रानुसार सीएम घोषणाओं के रिव्यू के लिए बुलाई गई बैठक में मल्टी स्टोरी पार्किंग प्रोजेक्ट सहित कई प्रोजेक्ट पर चर्चा हुई और ग्रांट देने से मना कर दिया गया।
7 मंजिला बननी थी मल्टी स्टोरी पार्किंग
निगम की टीम ने दो मंजिला बेसमेंट सहित कुल सात मंजिल की मल्टी स्टोरी पार्किंग बनाने का प्रोजेक्ट तैयार किया था। इसमें दोनों बेसमेंट सहित कुल तीन फ्लोर पर पार्किंग बननी थी। इसमें करीब 400 चार पहिया और 400 दोपहिया सहित करीब 800 वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था बनाई जानी थी। साथ ही बची चार मंजिलें कमर्शियल और इसके पिछले हिस्से में मैरिज पैलेस बनाना था। एनआईटी की ओर से डिजाइन भी फाइनल हो गया था, लेकिन पुरातत्व विभाग के ऑब्जेक्शन को दूर करने के लिए इस योजना को बदलना पड़ सकता है।