* 3369 खंभे गिरे, 1478 ट्रांसफार्मर भी क्षतिग्रस्त,
* प्रशासनिक सचिवों को फील्ड में उतारा, डीसी का करेंगे सहयोग
* 125 मकान पूरी तरह से ध्वस्त, 615 को पहुंचा नुकसान
चंडीगढ़, 19 जुलाई (ट्रिन्यू)
बाढ़ की चपेट में आए हरियाणा के 12 जिलों में आम लोगों के जान-माल के अलावा सैकड़ों करोड़ रुपये की सरकारी प्रॉपर्टी का भी नुकसान हुआ है। इन जिलों में 1142 किमी लंबी 996 सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं। इनमें से कई सड़कें ऐसी हैं, जो पूरी तरह से बाढ़ के बहाव में बह गई। इन्हें नये सिरे से बनाना होगा। फिलहाल सरकार ने इन सड़कों के निर्माण व मरम्मत आदि के लिए 230 करोड़ रुपये का एस्टीमेट तैयार किया है।
इतना ही नहीं, कई नेशनल हाईवे भी बाढ़ की वजह से क्षतिग्रस्त हुए हैं। इन्हें ठीक करने के लिए सरकार द्वारा नेशनल हाईवे अथॉरिटी को लिखा जाएगा। क्षतिग्रस्त हुए नेशनल हाईवे को ठीक करने का काम संबंधित टोल एजेंसियों का है। स्टेशन हाईवे, जिला सड़कों व गांवों की संपर्क सड़कों को पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा ठीक किया जाएगा। इसी तरह से मार्केटिंग बोर्ड की भी कई सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल का कहना है कि सड़कों को ठीक करने के विभाग को आदेश दे दिए हैं।
बुधवार को यहां मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़कों, पुल, पुलिया, पेयजल योजनाओं, लघु सिंचाई योजनाओं, बिजली परियोजनाओं को जो नुकसान पहुंचा है, उन्हें तुरंत ठीक करने के लिए संबंधित विभागों को आदेश दिए हैं। इसके लिए पैसा भी मंजूर किया जा चुका है। प्रशासनिक स्तर के अधिकारियों को प्रभावित जिलों में भेजा है ताकि वे वहां जाकर इंफ्रास्ट्रक्चर के कार्यों पर तुरंत काम शुरू करवा सकें।
बाढ़ की वजह से प्रदेशभर में 125 लोगों के मकान गिर गए। वहीं 615 घरों में आंशिक नुकसान की रिपोर्ट है। इन मकानों की मरम्मत करवानी होगी। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि नियमों के हिसाब से ऐसे लोगों को सरकार मुआवजा भी देगी। सड़कों की जल्द मरम्मत के लिए सरकार ने एसई की अध्यक्षता में कमेटियां गठित की हैं। ये कमेटियां 10 लाख से लेकर एक करोड़ तक के काम अपने स्तर पर करवा सकेंगे। इससे अधिक लागत के कार्य इंजीनियरिंग वर्कर्स पोर्टल के जरिये होंगे। सरकार ने नियमों में छूट देते हुए ऐसे कार्यों को एक सप्ताह में मंजूर करने का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि अभी तक के अनुमान के अनुसार, नदियों व नहरों में कटाव, तटबंध टूटने सहित 399 प्रोजेक्ट्स को नुकसान पहुंचा है। इन्हें ठीक करने में लगभग 90 करोड़ रुपये खर्च होंगे। बाढ़ की वजह से 3369 बिजली के खम्भे या तो गिर गए या फिर टेढ़े हो गए। इस तरह से 1478 ट्रांसफार्मरों के जलने की रिपोर्ट है। बिजली व्यवस्था को बहाल करने पर 22 करोड़ से अधिक का खर्चा आएगा।
बाढ़ की हालात को देखते हुए सरकार ने शुरू में ही जिला उपायुक्तों को आपात कार्यों के लिए साढ़े चार करोड़ रुपये की राशि भेजी थी। इतना ही नहीं, इमरजेंसी में मुआवजा देने के लिए सरकार ने एफसीआर की पावर जिला उपायुक्तों को दी है ताकि लोगों की तुरंत मदद हो सके। उन्होंने कहा कि 578 ऐसे गांव हैं, जो बाढ़ की वजह से बुरी तरह से प्रभावित हुए। 380 गांवों में पानी निकलना शुरू हो गया है और 200 गांवों में धीरे-धीरे पानी कम होना शुरू हो जाएगा। इसी तरह से पशुओं के शिविर लगाकर उनका टीकाकरण किया जा रहा है। अभी तक पचास लाख पशुओं को टीके लगाए जा चुके हैं ताकि किसी तरह की बीमारी उनमें ना फैले।
बीमारियां फैलने का खतरा, सतर्क रहें लोग
सीएम ने कहा कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में अब बीमारियां फैलने का खतरा है। ऐसे में लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। अगर किसी भी व्यक्ति को जरा भी तकलीफ महसूस होती है तो तुरंत डॉक्टरों से संपर्क करें। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जगह-जगह मेडिकल चैकअप कैम्प लगाए जा रहे हैं। प्रभावित एरिया में लोगों के स्वास्थ्य की जांच की जा रही है। अभी तक 2878 मेडिकल कैम्प लगाए जा चुके हैं और लोगों की जांच की जा रही है। बुखार व स्किन की बीमारियों के अधिक मरीज मिल रहे हैं। 5 हजार से अधिक लोगों में स्किन की बीमारी मिली है। उनका उपचार किया जा रहा है।