11 एमएसएमई कलस्टर होंगे विकसित, 169 करोड़ होंगे खर्च
ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 25 मई
हरियाणा के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के युवाओं को स्वरोजगार के प्रति प्रेरित करने के लिए आरंभ किए गए स्टार्टअप कार्यक्रम के तहत अलग से एमएसएमई निदेशालय का गठन किया है। इसके तहत मिनी क्लस्टर विकास कार्यक्रम के लिए 90 प्रतिशत की अनुदान सहायता उपलब्ध कराई जाती है।
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि औद्योगिक विकास के लिए सरकार का प्रयास है कि प्रौद्योगिक उन्नयन, सामान्य सुविधाएं और बुनियादी ढांचे का विकास हो, इसके लिए एमएसएमई के 11 क्लस्टर विकसित किए जा रहे हैं, जिन पर 169.68 करोड़ रुपये खर्च होंगे। जिसमें राज्य सरकार द्वारा 20.07 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जाएगी। उन्होंने बताया कि योजना के तहत अब तक 158 करोड़ रुपये की 46 परियोजनाओं को मूंजरी दी जा चुकी है।
इसी प्रकार क्लस्टर प्लग एवं प्ले योजना क्रियान्वित की गई है, जिसके तहत 358.83 करोड़ रुपये की लागत वाली 33 परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की गई है। इसमें सरकार ने 75.98 करोड़ रुपये की अनुदान सहायता प्रदान की है।
उन्होंने बताया कि एमएसएमई निदेशालय द्वारा उद्योगों को निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने की रूपरेखा तैयार की है। जब अचानक बिजली कटौती के समय उत्पादन समय की हानि गुणवत्ता में कमी को कम करने के लिए सहायता प्रदान की जाती है। इस योजना के तहत पूंजीगत खर्च पर वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
हरियाणा बनेगा प्रमुख गंतव्य : नरबीर सिंह ने कहा कि नई उद्यम विकास और क्षेत्रीय योजनाएं और नीतियां तैयार करके हरियाणा को देश-विदेश का एक प्रमुख निवेश गंतव्य स्थल के रूप में स्थापित करने का उद्देश्य है। इसके लिए शासन प्रणाली के माध्यम से सत्तत विकास की सुविधा उद्यमशिलता को बढ़ावा देने, रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए नवाचार और प्रौद्योगिकी एवं कौशल विकास को व्यापक स्तर पर अपनाने के लिए नई उद्यम प्रोत्साहन नीति तैयार की है।