जितेंद्र अग्रवाल/हप्र
अम्बाला शहर, 22 मई
18वें लोकसभा आम चुनाव में देश के हर योग्य नागरिक को लोकतंत्र के महापर्व में भागीदार बनाने के लिए कृतसंकल्प भारत निर्वाचन आयोग को अम्बाला शहर में ग्रहण सा लग गया है। यहां 2 मतदाता सभी औपचारिकताएं समय पर पूरी करने के बाद भी घर से मतदान करने की सुविधा का लाभ नहीं उठा पाए।
इस सारे प्रकरण में रोचक बात यह है कि संबंधित 100 प्रतिशत दिव्यांग प्रमाण पत्र के साथ घर से मतदान के लिए आवेदन करने वाले एसए जैन कालेज से सेवानिवृत्त प्रो. सुशील कुमार चोपड़ा निवासी सेक्टर-9 का कहना है कि आवेदन करने के बाद बाकायदा बीएलओ उनका वेरिफिकेशन करने घर पर भी आया था। जब उनका वोट डलवाने कोई नहीं आया तो उन्होंने क्षेत्र के समाजसेवी सोहनलाल कपूर से बात की जिनके माध्यम से उन्होंने घर से मतदान के लिए आवेदन किया था।
सोहनलाल कपूर ने बताया कि जब अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने अपने हाथ खड़े कर लिए कि अब कुछ नहीं हो सकता, अब तो मतदान केंद्र पर पहुंचकर ही वोट डालने पड़ेगा। इसके बाद उन्होंने दैनिक ट्रिब्यून से संपर्क साध कर बताया कि 1 दिव्यांग के अलावा जंडली नई आबादी के रहने वाले एक बुजुर्ग माम चंद का वोट भी कोई डलवाने नहीं पहुंचा है। 31 अगस्त 1999 को बने वोटर कार्ड में उनकी आयु 60 वर्ष दर्शायी गई है। उन्होंने बताया कि बाकायदा उन्होंने सुशील कुमार चोपड़ा का मेडिकल प्रमाणपत्र आवेदन के साथ लगावाया था। दोनों की वेरिफिकेशन भी हो चुकी थी तो उसके बाद मतदान क्यों नहीं करवाया गया, यह गंभीर जांच का विषय है।
हमारे रिकार्ड में उक्त दोनों मतदाताओं यानी सुशील कुमार चोपड़ा और मामचंद के बारे कोई एप्रूवल नहीं है। ऐसे में उनका घर से मतदान नहीं करवाया जा सकता। एप्रूवल में कमी किन कारणों से रही उसके बारे विस्तृत जांच करने के बाद ही जानकारी देना संभव है। फिलहाल दोनों मतदाता 25 को अपने बूथ पर जाकर मतदान कर सकते हैं।
-संदीप कुमार, जिला चुनाव तहसीलदार, अम्बाला