नवीन पांचाल/हप्र
गुरुग्राम, 18 मई
कोरोना काल में स्वास्थ्य सेवाओं की किल्लत का सामना कर रही साइबर सिटी में सरकार अस्पतालों के शिलान्यास करके भूली बैठी है। वर्ष 2016 में शिलान्यास के बाद अभी तक सेक्टर 67 की चिन्हित अस्पताल साइट पर एक ईंट भी नहीं रखी गई है। अस्पताल के निर्माण के लिए बादशाहपुर की जमीन को वर्ष 2013 में अधिग्रहित किया गया था।
गुरुग्राम-मानेसर अर्बन डवलेपमेंट प्लान 2031 के तहत तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने बादशाहपुर में 8 एकड़ जमीन को अस्पताल निर्माण के लिए चिन्हित किया था। इसके लिए वर्ष 2013 में जमीन अधिग्रहण का कार्य पूरा कर लिया गया तथा वर्ष 2014 में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने जमीन पर कब्जा भी ले लिया। 10 अप्रैल 2016 में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इस जमीन पर अस्पताल बनाने की घोषणा तथा तत्कालीन पीडब्ल्यूडी मंत्री राव नरबीर सिंह ने 100 बेड के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के निर्माण की नींव भी रख दी। शिलांयास के समय घोषणा की गई थी अस्पताल 2 साल में काम करना शुरू कर देगा। लेकिन पांच साल बाद अभी तक अस्पताल की साइट सिर्फ एक खाली मैदान है बल्कि जो चार दीवारी हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने करवाई थी वह भी क्षतिग्रस्त हो चुकी है और लोग इस स्थान पर कूड़ा डालते हैं। गांव बादशाहपुर की आबादी 45 हजार से अधिक है। इसके अलावा सेक्टर 66, 67, 67ए, 68 ए, 69 भी बसे हुए हैं। करीब डेढ़ लाख की आबादी के लिए सरकारी अस्पताल 16 किलोमीटर दूर सोहना या 12 किलोमीटर दूर सेक्टर 10ए में है।
बादशाहपुर के लोग चिकित्सा सुविधाओं के लिए किराये के जर्जर भवन में चल रहे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के भरोसे हैं। इस किराये के भवन तक भी लोगों की पहुंच कम ही है, क्योंकि यहां न सुविधाएं हैं और न ही पर्याप्त व्यवस्था।