अम्बाला शहर, 15 अप्रैल (हप्र)
सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी के अंतर्गत सभी आवश्यक हिदायतों को लेकर जीरो टॉलरेंस के तहत अनुपालना सुनिश्चित होनी चाहिए। जिला स्तर पर व उपमंडल स्तर पर कमेटियां गठित की गई हैं। कमेटी में शामिल सदस्य इस वाहन पॉलिसी के तहत स्कूलों का निरीक्षण करना सुनिश्चित करें। यदि नियमों की अवहेलना होती है तो 10 दिन का समय देकर नियमों की पालना करवाएं अन्यथा नियमानुसार कार्रवाई भी अमल में लाएं। ये आदेश आज उपायुक्त डॉ. शालीन ने अधिकारियों को दिए। स्कूली विद्यार्थियों की सुरक्षा करना एवं सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी के नियमों की पालना सुनिश्चित करवाने के लिए बुलाई गई अधिकारियों की बैठक में अनेक आदेश दिए गए। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे ई रिक्शा, ऑटो, मैक्सी कैब के अलावा अन्य वाहनों को भी चैक करें और यह सुनिश्चित करें कि इनमें क्षमता से अधिक बच्चे नहीं होने चाहिए और सभी दस्तावेज भी उनके पास होने चाहिएं। उपायुक्त ने कहा कि और निरीक्षण के दौरान सुरक्षित वाहन पॉलिसी के मानकों जैसे स्पीड गवर्नर, ऑनर का नाम, बस पर पीला पेंट, फिटनेस सर्टिफिकेट, ड्राइवर का समय-समय पर हेल्थ चेकअप, ड्राइवर सम्बन्धित लाइसेंस की जांच, आधार नंबर व मोबाइल नंबर आदि चेक करें।
उपायुक्त ने चारों एसडीएम को भी निर्देश दिये कि वे भी उपमंडल स्तर पर गठित टीम के साथ सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी के तहत बैठक लेकर स्कूलों के वाहनों को चैक करते हुए इन नियमों की पालना करवाना सुनिश्चित करवाएं। बैठक में जिला के चारों एसडीएम, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्मृति, आरटीए सुशील कुमार, जिला शिक्षा अधिकारी सुरेश कुमार, जीएम रोडवेज अश्वनी कुमार डोगरा, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी सुधीर कालड़ा आदि मौजूद रहे।
बसों को किया इम्पाउंड
सुरक्षित स्कूली वाहन पालिसी को लागू करवाने के लिए एक ओर जहां पुलिस की सख्ती सड़क पर दिखाई दी वहीं एसडीएम अम्बाला शहर दर्शन कुमार पुलिस, स्वास्थ्य व प्रशासनिक अमले के साथ स्कूलों में दबिश देते दिखे। एसडीएम ने खुद बसों को चैक किया और कमी मिलने पर कार्रवाई करके आवश्यक निर्देश भी दिए। इस दौरान कई स्कूलों में बसें नहीं थीं। दरअसल महेंद्रगढ़ के कनीना में हुए स्कूल बस हादसे के बाद जिला प्रशासन सरकार के सख्त आदेशों के बाद एक्शन में हैं। सड़क से लेकर स्कूल के अंदर तक खड़ी बसों पर प्रशासन ने कार्रवाई की। अंबाला में आज स्कूल बसों को लेकर प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट रहा। दर्शन कुमार ने बताया कि आज करीब 1 दर्जन स्कूलों में जाकर वाहनों की चैकिंग की गई। कुछ में वाहनों थे ही नहीं। इस मौके पर ट्रैफिक, स्वास्थ्य सहित अन्य विभागों के अधिकारी भी मौजूद रहे। केवल एक बस चालक का लाइसेंस एक्यपायरी मिला जिस पर उसे बस को चलाने से रोक दिया गया। कुछ स्कूल संचालकों ने बताया कि उनके पास कोई वाहन नहीं है जिससे बच्चों को स्कूल लाना ले जाना पड़े। बसों को इम्पाउंड भी िकया गया।