पेयजल संकट के खिलाफ महिलाओं ने किया प्रदर्शन
सरपंच मंजू, दिलबाग, बिलाशा, राम किशन प्रधान, कमलेश, बाला, कमलो, राजो, छोटी, शीला समेत कई ग्रामीण महिलाओं ने बताया कि तीन सप्ताह से घरों में पानी नहीं आ रहा। जो थोड़ा बहुत आता है, वह पीने लायक नहीं होता। जलघर के टैंक खाली पड़े हैं। कर्मचारी ध्यान नहीं दे रहे। जलघर में तैनात कर्मचारी शनिवार को ड्यूटी छोड़ कर गये थे। वे रविवार को भी नहीं लौटे। इससे घरों में पानी नहीं पहुंचा। महिलाओं ने अधिकारियों से मांग की कि लापरवाह कर्मचारियों का तबादला किया जाए। ग्रामीणों ने कहा कि जब कर्मचारियों से बात करते हैं तो वे कोई जवाब नहीं देते। जलघर में लगे दोनों ट्यूबवेल का पानी खारा है। वह पीने लायक नहीं है।
जलघर में तैनात कर्मचारी रवि और राममेहर ने कहा कि सरपंच का पिता उन्हें अपशब्द देता है। पिटवाने की धमकी देता है। इसी डर से वे ड्यूटी नहीं आ रहे। उन्होंने यह बात उच्च अधिकारियों को बता दी है। उनका कहना है कि नहर में सिर्फ दो दिन ही पानी आया था। अब जलघर खाली हैं तो इसमें उनकी गलती नहीं है।
इस बारे जलापूर्ति विभाग के एसडीओ सुरजीत मलिक ने कहा कि फिलहाल पानी की कमी है। इसी कारण कर्मचारियों और ग्रामीणों में तनातनी है। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों से बातचीत कर मामला सुलझाया जाएगा।