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हमें हथियार चलाने का शौक नहीं, बदमाश खुद सरेंडर कर दें : डीजीपी

गुरुग्राम की सडक़ों पर थार, बुलेट से स्टंट करने वालों को दी नसीहत पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओपी सिंह ने शनिवार को प्रेसवार्ता के दौरान स्पष्ट संदेश दिया कि राज्य में कानून से ऊपर कोई नहीं है। उन्होंने कहा कि...

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गुरुग्राम में प्रेसवार्ता करते डीजीपी ओपी सिंह। साथ में पुलिस आयुक्त विकास अरोड़ा। -हप्र
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गुरुग्राम की सडक़ों पर थार, बुलेट से स्टंट करने वालों को दी नसीहत

पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओपी सिंह ने शनिवार को प्रेसवार्ता के दौरान स्पष्ट संदेश दिया कि राज्य में कानून से ऊपर कोई नहीं है। उन्होंने कहा कि थार गाड़ी और बुलेट बाइक पर स्टंट करने वाले या बदमाशी दिखाने वालों को पुलिस किसी भी हालत में बख्शेगी नहीं। डीजीपी ने कहा कि आजकल अधिकांश बदमाश इन्हीं वाहनों का इस्तेमाल करते हैं, जो अब उनका स्टेटस सिंबल बन गए हैं।

थार और बुलेट चलाने वाले अगर समझते हैं कि वे कानून से बच जाएंगे, तो यह उनकी गलतफहमी है। डीजीपी सिंह ने साफ कहा कि पुलिस इन वाहनों को रोककर जांच करेगी और अगर कुछ गलत पाया गया, तो कार्रवाई भी होगी। दोनों मजे नहीं हो सकते दादागिरी भी चले और पुलिस से बच भी जाएं, उन्होंने तीखे शब्दों में कहा।

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गुरुग्राम के पुलिस आयुक्त कार्यालय में पहुंचे डीजीपी ओपी सिंह ने पहले गार्ड की सलामी ली। पुलिस आयुक्त विकास कुमार अरोड़ा समेत कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने उनका स्वागत किया। डीजीपी ने बदमाशों को सरेंडर करने की नसीहत देते हुए कहा कि पुलिस को हथियार चलाने का कोई शौक नहीं है। हम कानून के मानने वाले लोग हैं। जो अपराधी लालच या बेवकूफी में गोली चलाते हैं, फिर भागते हैं, वे नजदीकी थाना, एसपी या सीपी कार्यालय में जाकर आत्मसमर्पण कर दें। पुलिस उन्हें अदालत में पेश कर देगी। आगे कोर्ट का काम है।

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ऑपरेशन ट्रैकडाउन : दो दिन में 56 कुख्यात दबोचे

उन्होंने यह भी बताया कि ऑपरेशन ट्रैकडाउन के तहत अपराधियों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है। पहले दिन 32 और आज 24, कुल 56 कुख्यात बदमाश पकड़े गए हैं। सिंह ने यह भी माना कि प्रदेश में कानून का दुरुपयोग भी बढ़ रहा है। उनके अनुसार, करीब 20 प्रतिशत शिकायतें झूठी पाई जाती हैं, जो प्रायः आपसी रंजिश या व्यक्तिगत झगड़ों से प्रेरित होती हैं।

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