धरने के बाद पानी निकासी का काम शुरू
लगभग दो महीने से जल भराव की समस्या झेल रहे भैणी सुरजन, सैमान व भैणी चंद्रपाल गांवों के लोगों ने शनिवार को भैणी सुरजन बस स्टैंड पर धरना देकर प्रशासन को बुला लिया और 6 घंटे में ही समाधान हो गया। सूचना मिलते ही उपायुक्त सचिन गुप्ता, अतिरिक्त उपायुक्त नरेंद्र सिंह व एसडीएम मुकुंद तंवर भैणी सुरजन गाँव मे मौके पर पहुंचे। डीसी-एडीसी ने ग्रामीणों से बातचीत कर पानी निकासी का आश्वासन दिया और तत्काल जेसीबी मंगवाकर खेतों से होकर ड्रेन खोदने का कार्य शुरू करवाया, जिससे पानी को साथ लगती नहर में छोड़ा जा सके। महम क्षेत्र के 12 गांवों में पिछले दो महीने से जलभराव ने ग्रामीणों की जिंदगी दूभर कर दी थी। खेत, गलियां और घर पानी में डूबे रहे लेकिन प्रशासन सिर्फ आश्वासन की लीपापोती करता रहा। आखिरकार शनिवार को ग्रामीणों का सब्र टूट गया और वे 45- 50 ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में महिलाएं और पुरुष उपायुक्त कार्यालय कूच करने निकल पड़े। अचानक बढ़ते दबाव से प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए। अधिकारियों ने ग्रामीणों को रोकने की कोशिश की और मनुहार करके भरोसा दिलाया कि अधिकारी गांव में ही आकर समाधान करेंगे। इसी के बाद ग्रामीणों ने गांव में ही डेरा डाल दिया। धरने में महम विधायक बलराम दांगी भी शामिल हुए और ग्रामीणों के साथ बैठकर स्थाई समाधान की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि भैणी सुरजन, सैमान, भैणी चंद्रपाल, भैणी मातो, भैणी महाराजपुर, बहलबा, अजायब, भरान व निन्दाना सहित दर्जनों गांवों के लोग पानी भराव से बुरी तरह परेशान हैं। लोगों के घरों में दरारें आ चुकी हैं, फर्श टूट चुके हैं और जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। करीब 6 घंटे तक चले इस धरने का असर यह हुआ कि प्रशासन हरकत में आया। डीसी सचिन गुप्ता, एडीसी नरेंद्र कुमार और एसडीएम मुकुंद तंवर को मौके पर पहुंचना पड़ा। अधिकारियों ने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि मोटर और बड़ी मशीनें लगाकर अस्थायी रजवाहा बनाया जाएगा और पानी को जुई फीडर में डाला जाएगा। एडीसी ने यह भी घोषणा की कि गांव में पानी से गिरे मकानों और नुकसानग्रस्त ढांचों का सर्वे रविवार से ही शुरू होगा और पात्र परिवारों को सरकारी नियमों के मुताबिक मुआवजा दिलाया जाएगा।