‘सामाजिक समरसता, परिवर्तन का काम कर रहे स्वयंसेवक’
आरएसएस के स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने पर निकाला पथ संचलन
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के स्थापना और विजयादशमी पर्व के चलते संघ के स्वयंसेवकों ने बृहस्पतिवार को पथ संचलन का आयोजन किया। इस दौरान स्वयंसेवक पूर्ण गणवेश में अनुशासनबद्ध होकर पंक्तियों में नगर के प्रमुख मार्गों से होकर गुजरे। पथ संचलन के दौरान मार्ग में खड़े लोगों ने स्वयंसेवकों पर पुष्पवर्षा की और भारत माता, वंदेमातरम के जयघोष से उनका अभिनंदन किया। संघ ने अपने शताब्दी वर्ष को विशेष रूप से मनाने के लिए शहर को 37 भागों में बांटा है, 18 स्थानों पर 18 पथसंचलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। शेष स्थानों पर 5 अक्तूबर को कार्यक्रम होगा। इस अवसर पर आरएसएस के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य राम माधव, उत्तर-क्षेत्र सम्पर्क प्रमुख श्रीकृष्ण, हरियाणा प्रांत संघचालक प्रताप सिंह मौजूद रहे। साउथ सिटी दो स्थित कम्युनिटी सेंटर पार्क एच ब्लॉक में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उत्तर क्षेत्र कार्यकारिणी सदस्य श्रीकृष्ण ने कहा कि आज से संघ के शताब्दी वर्ष समारोह का प्रारंभ हो रहा है। संघ के निर्माण का हेतु और पिछले सौ वर्षों से संघ का देश और समाज के प्रति योगदान का उन्होंने उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि जिस तरह भगवान श्रीराम के जीवन से हम समाज के हर वर्ग को साथ लेकर चलने व समरसता कायम करने के उनके प्रयासों से प्रेरित होते हैं, उसी तरह आज संघ के स्वयंसेवक समाज में सामाजिक समरसता व परिवर्तन का काम कर रहे हैं। समरसता से ही समाज में दूरियां मिट जायेगी। समाज संगठित और सशक्त बनेगा। एक सशक्त समाज ही सशक्त राष्ट्र का निर्माण कर सकता है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सीमा सुरक्षा बल के रिटायर्ड डीआईजी धर्मेंद्र पारीक थे।