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संस्कारम विश्वविद्यालय, पटौदा में विरासत-ए-झज्जर

गौरवशाली इतिहास को दिया जीवंत स्वरूप

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झज्जर के संस्कारम विवि में कार्यक्रम में प्रतिभागियों को सम्मानित करते डीसी। साथ हैं विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डॉ महिपाल यादव। -हप्र
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संस्कारम विश्वविद्यालय, पटौदा में आयोजित विरासत-ए-झज्जर महोत्सव में हरियाणा की संस्कृति, परंपरा और गौरवशाली इतिहास को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया गया। यह कार्यक्रम केवल झज्जर की संस्कृति का दर्पण ही नहीं बल्कि संपूर्ण हरियाणा की विरासत का आईना साबित हुआ, जिसमें प्रदेश के रहन–सहन, खान-पान, लोकगीत, नृत्य, सैन्य-वीरता और लोककला के विविध रूपों को आकर्षक ढंग से दर्शाया गया। इस कार्यक्रम में चौपाल, बैठक, नौहरा, रसोई, तीजन, गितवाड़, पूजा-घर, कुआं-पूजन जैसे ग्रामीण परिवेश के जीवंत दृश्य देखकर जनसमूह हरियाणा की असली तस्वीर से रूबरू हुआ। यह आयोजन न केवल झज्जर की सांस्कृतिक समृद्धि का दर्शन कराता है, बल्कि जिले की विकास यात्रा को भी पेश करता है। संस्कारम विश्वविद्यालय ने इस आयोजन से माध्यम से देश–दुनिया को हरियाणवी संस्कृति का भव्य स्वरूप दिखाया है। अंतर्राष्ट्रीय मीडिया द्वारा इसका लाइव प्रसारण गर्व की बात है। यह पहल वोकल फॉर लोकल का उदाहरण है।

धाकड़ ताऊ–धाकड़ ताई प्रतियोगिता में छाए प्रतिभागी

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हरियाणा की संस्कृति में ताऊ-ताई का स्थान सबसे बड़ा माना जाता है। रैंप वॉक और अन्य प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए विद्यार्थियों ने धाकड़ ताऊ एवं धाकड़ ताई का खिताब जीता। मिस्टर झज्जर और मिसिज झज्जर प्रतियोगिता में भी प्रतिभागियों ने श्रेष्ठ प्रदर्शन किया।

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