नारनौल, 6 मई (हप्र)
गांव कोरियावास में बने महर्षि च्यवन ऋषि मेडिकल कालेज के मुख्य द्वार पर लगाए गए नए नाम के बोर्ड को तोड़ने के मामले में सदर थाना में पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है। इस बारे में पीडब्ल्यूडी विभाग के उपमंडल अभियंता ने पुलिस में शिकायत दी थी। मामला दर्ज करने के बाद पुलिस आरोपियों की पहचान में जुट गई है। वहीं दूसरी ओर ग्रामीणों ने अपनी मांगों को लेकर गेट के बाहर टेंट लगाकर धरना शुरू कर दिया।
गांव कोरियावास में 725 करोड़ रुपये की लागत से नया मेडिकल कॉलेज बना है। इस मेडिकल कालेज में 880 बेड होंगे, वहीं एमबीबीएस की 150 सीटें भी रहेंगी। मेडिकल कालेज का निर्माण कार्य शुरू होने के बाद से ही यहां के ग्रामीणों ने नाम को लेकर अपना एतराज जता दिया था। जिसके बाद उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को एक पत्र लिखकर इस मेडिकल कालेज का नाम राव तुलाराम के नाम से रखने की मांग भी की थी। ग्रामीणों का समर्थन केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने भी किया था। उन्होंने भी 2023 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को इस बारे में पत्र लिखा था। वहीं कुछ दिन पूर्व भी ग्रामीणों ने यहां पर विरोध प्रदर्शन किया था।
एक मई से शुरू हुई ओपीडी
इन सब विवाद के बीच सरकार ने आनन-फानन में एक मई से यहां पर ओपीडी शुरू कर दी। वहीं ओपीडी स्लिप पर भी महर्षि च्यवन ऋषि मेडिकल कालेज नाम छपवा दिया। इतना ही नहीं मेडिकल कालेज के अंदर एक बड़ा बोर्ड महर्षि च्यवन ऋषि मेडिकल कालेज का लगवा दिया। इसके बाद से ही यहां के ग्रामीण आक्रोशित थे। वहीं रविवार रात को मुख्य द्वार पर प्रशासन की ओर से महर्षि च्यवन के नाम का बोर्ड लगाया गया। यह नेम प्लेट मुख्य द्वार के ऊपर लाइटिंग की लगाई गई। सोमवार सुबह जब ग्रामीणों ने इसे देखा तो पहले तो विरोध किया बाद में इसको कुछ ग्रामीणों ने तोड़ दिया, जिसके बाद कॉलेज के बाहर पुलिस बल तैनात कर दिया गया। वहीं ग्रामीणों ने वहां एकत्र होकर प्रदर्शन किया तथा बाद में ग्रामीणों ने भी वहां पर तंबू गाड़ दिया।
इस बारे में पीडब्ल्यूडी विभाग के उपमंडल अभियंता देवेंद्र कुमार की शिकायत पर सदर थाना पुलिस ने दस से 15 अज्ञात लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया। जिसमें लिखा गया है कि मेडिकल कालेज का नाम महर्षि च्यवन मेडिकल कॉलेज सुनिश्चत कर लिया गया है। इस नाम को मुख्य द्वार पर ठेकेदार द्वारा लिखा दिया गया था। मगर दस से 15 अज्ञात लोगों ने इस नाम को तोड़ दिया तथा गेट पर तोड़फोड़ की। इससे करीब डेढ़ लाख रुपए की सरकारी संपत्ति का नुकसान हुआ है।