साइबर फ्रॉड मामले में विजिलेंस ने बिचौलिये को किया गिरफ्तार
साइबर फ्रॉड मामले में साइबर थाना गुरुग्राम को पैसे पहुंचाने के आरोपी बिचौलिये को गुरुग्राम विजिलेंस टीम ने गिरफ्तार किया है। बिचौलिया नारनौल कोर्ट में वकालत करता है। बृहस्पतिवार को आरोपी को कोर्ट में पेश किया। जहां से उसको न्यायिक हिरासत भेज दिया गया है। साइबर फ्राड करने वाले व्यक्ति ने नारनौल के गांव ढाणी किरारोद के सचिन के फोन नंबरों का इस्तेमाल किया था। जब फ्राड का आरोपी गुरुग्राम पुलिस के हत्थे चढ़ा तो उसने नारनौल निवासी सचिन का भी नाम ले दिया। जिसके बाद साइबर थाना गुरुग्राम ने सचिन को भी इस मामले में शामिल कर लिया तथा सचिन का नाम इस मामले में शामिल कर लिया। आरोप है कि सचिन ने अपना नाम लिस्ट से कटवाने के लिए गुरुग्राम विजिलेंस से बात की। इस पर गुरुग्राम विजिलेंस के विनोद व संदीप ने कहा कि वह नारनौल कोर्ट में एक हिमांशु से संपर्क कर ले। आरोप है कि जब सचिन ने हिमांशु से संपर्क किया तो हिमांशु ने कहा कि वहां पर एक लाख रुपये पहुंचाने हैं, काम हो जाएगा। एक लाख रुपए मांगने पर सचिन ने इसकी शिकायत गुरुग्राम विजिलेंस को कर दी। जिसके बाद गुरुग्राम विजिलेंस ने नारनौल आकर वकील को रंगे हाथों पकड़ लिया। उसे गिरफ्तार करने के बाद गुरुग्राम विजिलेंस की टीम आरोपी को अपने साथ पूछताछ के लिए लेकर गई। बताया गया है कि इस मामले में आरोपी को बृहस्पतिवार शाम को कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उसको न्यायिक हिरासत में लिया गया।वहीं उसका नागरिक अस्पताल में मेडिकल भी कराया गया। इस मामले में गुरुग्राम साइबर थाने के विनोद व संदीप को अभी विजिलेंस गिरफ्तार नहीं कर पाई है।