मानव, पशु एवं पर्यावरण के स्वास्थ्य संबंधों को समझना अनिवार्य : जेवी रमाना
लुवास में अधिवेशन एवं अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन शुरू
वन हेल्थ की अवधारणा वर्तमान समय की अत्यंत महत्वपूर्ण व आवश्यक। मानव, पशु एवं पर्यावरण के स्वास्थ्य के पारस्परिक संबंधों को समझना आज अनिवार्य है। यह बात वेंकटेश्वर वेटरनरी यूनिवर्सिटी, तिरुपति के कुलपति प्रोफेसर जेवी रमाना ने लाला लाजपत राय पशु-चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय (लुवास), हिसार में 3 दिवसीय सोसायटी फॉर वेटेरिनरी साइंसेज एंड बायोटेक्नोलॉजी (एसवीएसबीटी) के 12वें वार्षिक अधिवेशन एवं अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के शुभारंभ पर वेटरनरी ऑडिटोरियम में आयोजित समारोह को बतौर मुख्यातिथि कही। विवि के कुलपति प्रो. विनोद कुमार वर्मा के दिशा-निर्देशन में शुरू हुए इस सम्मेलन का मुख्य विषय ब्रिजिंग साइंस एंड सोसायटी : बायोटेक्नोलॉजी फॉर सस्टेनेबल वन हेल्थ निर्धारित किया गया है, जो विज्ञान, समाज, पर्यावरण तथा पशु-मानव स्वास्थ्य के एकीकृत दृष्टिकोण को बढ़ावा देता है।
मुख्यातिथि ने अधिवेशन के विषय पर चर्चा करते हुए कहा कि विज्ञान, समाज एवं सतत विकास को जोड़ने में बायोटेक्नोलॉजी की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।

