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दो दिव्यांग परीक्षार्थियों की मदद के लिए आगे आये मामा-भानजी

सीईटी परीक्षा में कायम की मिसाल
भिवानी में शनिवार को दिव्यांग परीक्षार्थी के साथ छात्रा नितिका दूहन। -हप्र
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सीईटी परीक्षा के दौरान मामा-भानजी ने दो दिव्यांग महिला परीक्षार्थियों की मदद की और मिसाल कायम की। 11वीं की छात्रा ने दृष्टिबाधित महिला सीईटी परीक्षार्थी के लेखक के तौर पर उसकी परीक्षा देने में मदद की। जबकि उसके मामा ने 70 फीसदी दिव्यांग महिला को गांव से भिवानी स्थित परीक्षा केन्द्र तक निजी वाहन में पहुंचाया। गांव उमरावत के रहने वाले दृष्टिबाधित दंपति ओमप्रकाश व उनकी पत्नी जसवीर देवी कौशिक ने अपनी जान-पहचान में 11वीं की छात्रा नितिका दूहन से जब बतौर लेखक सीईटी परीक्षा में मदद करने के लिए कहा तो उसने अपने परिजनों की सहमति से तुरंत इस परीक्षा में लेखक के तौर पर सहायता के लिए हामी भर दी। उसने सेक्टर- 13 स्थित चौधरी बंसीलाल पॉलिटेक्निकल कॉलेज में दृष्टिबाधित दिव्यांग जसवीर देवी कौशिक के राइटर के तौर पर सीईटी परीक्षा में उनका पेपर लिखा। छात्रा नितिका के मामा विकास कुमार तोशाम में ग्राम सचिव है, उनसे जब नजदीकी गांव ढाणी सरल की 70 फीसदी दिव्यांग सीईटी परीक्षार्थी पूनम व उसके पिता ने संपर्क किया तो उन्होंने तोशाम बस अड्डे पर निजी वाहन की व्यवस्था कर पूनम व उसके पिता को भिवानी के आदर्श सीनियर सेकेंडरी स्कूल परीक्षा केन्द्र तक पहुंचाने का कार्य किया है। अलग- अलग स्थानों पर दिव्यांग सीईटी परीक्षार्थियों की मदद करने के पीछे मामा-भानजी का यही उद्देश्य था कि परीक्षार्थी न केवल समय पर परीक्षा केंद्र पर पहुंचे बल्कि कर्मचारी के तौर पर अपना भविष्य बनाकर समाज की मुख्यधारा से जुड़ सकें।

 

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