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म्यांमार में बंधक बनाकर साइबर ठगी करवाने वाले गिरोह के दो सदस्य काबू

साइबर थाना पुलिस ने विदेश में अच्छी नौकरी का झांसा देकर युवाओं को म्यांमार ले जाकर बंधक बनाने और उनसे जबरन साइबर ठगी करवाने वाले गिरोह के दो सदस्यों जितेंद्र और विजेंद्र (निवासी बड़वा, भिवानी) को गिरफ्तार किया है। दोनों...
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साइबर थाना पुलिस ने विदेश में अच्छी नौकरी का झांसा देकर युवाओं को म्यांमार ले जाकर बंधक बनाने और उनसे जबरन साइबर ठगी करवाने वाले गिरोह के दो सदस्यों जितेंद्र और विजेंद्र (निवासी बड़वा, भिवानी) को गिरफ्तार किया है।

दोनों आरोपी युवाओं को सुनहरे भविष्य का सपना दिखाकर साइबर अपराध के जाल में फंसाने का काम करते थे। आरोपियों को न्यायालय में पेश कर पुलिस रिमांड पर लिया

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गया है।

पीड़ित आकाश निवासी ढाणा ने शिकायत में बताया कि आरोपियों ने उसे थाईलैंड में 80,000 रुपये मासिक वेतन और कंप्यूटर ऑपरेटर की नौकरी का लालच दिया था। मार्च, 2025 में उसे जयपुर से बैंकॉक भेजा गया, जहां से उसे धोखे से अवैध रास्तों द्वारा म्यांमार की सीमा पार कराकर केके पार्क स्थित कंपनी में पहुंचाया गया। म्यांमार पहुंचने पर पीडि़त का पासपोर्ट जब्त कर लिया गया। उसे प्रतिदिन 15-18 घंटे काम करवाया जाता था और विभिन्न देशों के लोगों के साथ मिलकर क्रिप्टो स्कैम व साइबर ठगी करने के लिए मजबूर किया जाता था। विरोध करने पर उसे मारने की धमकी दी जाती, बुरी तरह प्रताडि़त किया जाता, तथा रिहाई के बदले 5 लाख रुपये या दो अन्य भारतीय युवाओं को फंसाने की मांग की जाती थी।

22 अक्तूबर, 2025 को वहां हुए रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान आकाश किसी तरह भागने में सफल रहा। बाद में भारतीय दूतावास और सेना की मदद से उसे सुरक्षित भारत लौटाया गया। पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार किया।

महेंद्रगढ़ पुलिस ने युवाओं व अभिभावकों से अपील की है कि विदेश भेजने के नाम पर सोशल मीडिया पर किए जा रहे आकर्षक प्रस्तावों से सावधान रहें और पूरी जांच-पड़ताल के बाद ही

निर्णय लें।

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