दिल्ली के लाल किला के पास विस्फोट मामले में जांच के दौरान सामने आया है कि मुख्य आरोपी उमर ने विस्फोट से महज 10 दिन पहले नूंह के हिदायत नगर इलाके में एक मकान प्रतिदिन के किराए पर लिया था। इस मकान का मकसद फरीदाबाद से विस्फोटक सामग्री को नूंह में छिपाना था। उमर को यह मकान दो स्थानीय युवकों शोएब और रिजवान ने लालच में दिलवाया था। ये दोनों युवक उमर के लिए बाजार का सामान लाते थे, उसकी कार की मरम्मत करवाते थे और अन्य जरूरतें पूरी करते थे। उमर खुद कभी मकान से बाहर नहीं निकला ताकि उसकी पहचान न हो। सूत्रों के मुताबिक उमर की मंशा मेवात क्षेत्र में व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल खड़ा करना था। वह खास तौर पर डॉक्टरों और पढ़े-लिखे युवाओं को निशाना बना रहा था। सूत्रों के अनुसार मेवात में अनेक युवा डॉक्टरों को उमर ने झांसा दिया था। कई डॉक्टरों से उसकी मुलाकात हुई, लेकिन उन्होंने उसकी बातों को गंभीरता से नहीं लिया। फिरोजपुर झिरका के दो डॉक्टरों से भी उसका संपर्क था, जिनके जरिए वह दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से आवागमन करता था। जांच एजेंसियों का दावा है कि पूरी साजिश की जड़ डॉ. मुजम्मिल है, जिसने पढ़े-लिखे लेकिन मानसिक रूप से कमजोर लोगों को आतंक के लिए भर्ती करने का प्लान बनाया था। इसी कड़ी में एक तलाकशुदा महिला डॉक्टर शाहीन उसके बहकावे में आ गई।
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